DRM Arrest: सीबीआई ने रिश्वतखोरी के आरोप में ईस्ट-कोस्ट रेलवे में वाल्टेयर डिवीजन, विशाखापटनम के एक डीआरएम समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो मुंबई और पुणे वाली कंपनियों के मालिक हैं। जिनके उपर रेलवे ने 3 करोड़ 17 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। पेनल्टी की इसी रकम को कम करने के लिए डीआरएम और इनके बीच कथित रूप से 25 लाख रुपये की डील हुई थी। जिसके लेन-देन के वक्त सीबीआई ने इन्हें पकड़ लिया। रेलवे के डीआरएम 1991 बैच के IRSME सौरभ प्रसाद, मुंबई आधारित प्राइवेट कंपनी के प्रोपराइटर सनील राठौड़ और पुणे आधारित दूसरी प्राइवेट कंपनी के आनंद भगत शामिल हैं। सीबीआई ने बताया कि आरोपी के ठिकानों पर छापेमारी भी की गई। जहां से 87 लाख रुपये से अधिक नकद, 72 लाख रुपये की नकदी और अन्य चीजें बरामद की गई। मालूम हो कि डीआरएम सौरभ कुमार बीते दिनों ही जगदलपुर प्रवास पर पहुंचे थे। अधिक जानें
25 लाख रुपये की रिश्वत
सीबीआई प्रवक्ता ने बयान में कहा, “यह भी आरोप लगाया गया है कि एक निजी कंपनी द्वारा उठाए गए 3.17 करोड़ रुपये के बिल विशाखापतट्टनम के ईस्ट कोस्ट रेलवे के पास लंबित थे. हालांकि, अनुबंध के एग्जिक्यूट में देरी के कारण, उक्त कंपनी को भारी जुर्माना लगाने का सामना करना पड़ा.” उन्होंने कहा कि राठौड़ और भगत ने कथित तौर पर प्रसाद से संपर्क किया, जिन्होंने जुर्माना राशि कम करने के लिए 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगी. प्रवक्ता ने कहा, ” मामले में आरोपी डीआरएम के हस्तक्षेप के बाद कम जुर्माना लगाया गया और निजी कंपनी का बिल पास कर दिया गया. बिल पास करने के लिए, मुंबई स्थित निजी फर्म के आरोपी मालिक (राठौड़) ने 16 नवंबर को मुंबई दौरे के दौरान आरोपी डीआरएम को 25 लाख रुपये की रिश्वत देने की व्यवस्था की.” उन्होंने कहा कि सीबीआई ने जाल बिछाया और 25 लाख रुपये के अनुचित लाभ के लेन-देन के दौरान डीआरएम और मुंबई स्थित निजी फर्म के मालिक को पकड़ लिया.
मोहम्मद रज्जब बिलासपुर 9755114786