गुरू घासीदास-तैमोर पिंगला टाईगर रिजर्व का नोटिफिकेशन जारी
छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरु घासीदास नेशनल पार्क एवं तैमोर पिंगला अभ्यारण को मिलाकर गुरू घासीदास-तैमार पिंगला टाइगर रिजर्व बनाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
यह देश का तीसरा सबसे बड़ा टाईगर रिजर्व है। टाईगर रिजर्व का कुल एरिया 2829.387 वर्ग किलोमीटर का है.गुरू घासीदास-तैमार पिंगला टाइगर रिजर्व बनाने का नोटिफिकेशन 04 नवंबर को छत्तीसगढ़ के राजपत्र में जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही गुरू घासीदास-तैमार पिंगला टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आ गया है।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में टाईगर रिजर्व की संख्या चार हो गई है।देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनातीन वर्ष बाद जारी हुआ नोटिफिकेशन गुरु घासीदास नेशनल पार्क एवं तैमोर पिंगला को मिलाकर वर्ष 2021 में टाइगर रिजर्व बनाया गया था, लेकिन इसे विरोध के कारण अस्तित्व में नहीं लाया जा सका था।
इस क्षेत्र में कई खदानें होने कारण नेशनल पार्क व अभ्यारण को टाइगर रिजर्व घोषित करने का नोटिफिकेशन कांग्रेस शासन काल में रुका हुआ था।राज्य सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन वर्ष 2012 में प्रस्ताव को NTCA से मिली थी मंजूरी वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती रमन सरकार ने गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाईगर रिजर्व बनाने का ड्राफ्ट राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) को भेजा था।
जिसके बाद एनटीसीए ने गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाईगर रिजर्व के रूप में मंजूरी दी, लेकिन कांग्रेस शासन में रिजर्व एरिया के कोल ब्लॉक, आइल ब्लॉक और मिथेन गैस ब्लॉक होने के कारण मामला अटक गया था।चार जिलों तक फैला है टाईगर रिजर्व का एरियायह बदलेगा “गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व पर सीधे एनटीसीए के प्रोटोकॉल लागू आ जाएंगे।
यानी एनटीसीए फंड जारी करेगा। कंजर्वेशन, मॉनिटरिंग, वॉटर बॉडी डेवलपमेंट, रेगुलर पेट्रोलिंग, वेरियर और स्टॉफ की नियुक्तियां। हर बीट में 2 बीट गार्ड होंगे। इन चीजों को बढ़ावा मिलेगा। हर साल एनटीसीए कैमरा ट्रेपिंग होगी। इन सभी गतिविधियों के लिए केंद्र-राज्य सरकारों से अतिरिक्त बजट मिलेगा।
केंद्रीय प्रोटोकॉल के हिसाब से 400 से अधिक स्टाफ मिलेगा।”टाईगर रिजर्व इस तरह आया अस्तित्व में2012 में तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित करने का सैद्धांतिक फैसला लिया।2021 में राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र की हरी झंडी मिली। राज्य को नोटिफिकेशन जारी करना था। मगर, कांग्रेस सरकार ने रोक लगा दी।
तर्क था- इस पूरे क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण खनिज खदानें हैं। टाइगर रिजर्व बनने से इन्हें बंद करना पड़ेगा। राज्य को गंभीर आर्थिक नुकसान होगा।2024- 7 अगस्त को भाजपा सरकार ने हाईकोर्ट से कहा- हफ्तेभर में नोटिफिकेशन जारी करेंगे।2024- 04 नवंबर 2024 को राजपत्र में गुरू घासीदास-तैमोर पिंगला टाईगर रिजर्व का नोटिफिकेशन जारी टाईगर रिजर्व के बाद चुनौतियां भी दैनिक भास्कर के पास मौजूद केंद्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल पार्क में 35 राजस्व गांव और कोर एरिया के 5 किमी के दायरे में 43 गांव हैं। इन 78 गांवों में 10 हजार के करीब लोग हैं। 15 हजार मवेशी भी हैं।
आज तक ग्रामीणों को यह नहीं बताया गया कि, बाघ समेत अन्य वन्य जीवों से कैसे बचना है या कैसे तालमेल बैठाना है ? दो साल में दो बाघों की संदिग्ध मौतें हुईं। क्षेत्र बाघ के अलावे तेंदुआ, भालू व हाथी सहित 26 प्रकार के जीवों का आवास है।देश का तीसरा बड़ा टाईगर रिजर्व गुरू घासीदास -तैमारे पिंगला टाईगर रिजर्व देश का तीसरा बड़ा टाईगर रिजर्व बन गया है।
आंध्रप्रदेश का नागार्जुनसागर श्रीसैलम टाइगर रिजर्व 3296.31 वर्ग किमी के साथ देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। असम का मानस टाइगर रिजर्व 2837.1 वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ दूसरा बड़ा टाइगर रिजर्व है।