गांजा तस्करी करते पकड़ाए GRP के चार आरक्षक

राजेन्द्र देवांगन
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जिन्हें ट्रेनों में तस्करों को पकड़ने दी जिम्मेदारी वो ही करने लगे अवैध कारोबार, पुलिस रिमांड पर दो सिपाही

GRP के दो आरक्षक गिरफ्तार, पुलिस रिमांड पर हैं दो सिपाही।ट्रेनों में गांजा सहित नशे समेत प्रतिबंधित सामानों की तस्करी रोकने के लिए शासकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने एंटी क्राइम टीम बनाई। गांजा के अवैध कारोबार में बेतहाशा कमाई देखकर टीम के ही सदस्य गांजा तस्करों से मिल गए। जिसके बाद वो गांजा तस्करों के न सिर्फ सं.दरअसल, बिलासपुर रेंज के IG को GRP बिलासपुर के आरक्षकों के अवैध गतिविधियों की शिकायत मिली थी। इसमें बताया गया कि GRP की एंटी क्राइम टीम किस तरह गांजा तस्करी के गोरखधंधे में शामिल है।

इसमें आरोप लगाया गया कि पुलिस के बड़े अफसरों ने किस तरह से सुनियोजित प्लानिंग कर अवैध वसूली के लिए इन आरक्षकों की टीम बनाई है।GRP की एंटी क्राइम टीम को ACCU ने घेराबंदी कर किया गिरफ्तार।वैसे तो इस टीम का गठन ट्रेनों में चोरी करने वाले गिरोह की पतासाजी और मादक पदार्थ विशेषकर गांजा सप्लायरों की धरपकड़ करने के नाम पर किया गया था। लेकिन, इसकी आड़ में बड़े पैमाने पर अवैध उगाही की जा रही थी।

साथ ही गांजा तस्करी करने का अवैध कारोबार भी चल रहा था। अफसरों के संरक्षण में फल फूल रहे इस अवैध कारोबार की शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।IG ने पुलिस मुख्यालय को भेज दी शिकायत बताया जा रहा है कि इस गंभीर शिकायत में बड़े अफसरों के शामिल होने के आरोप लगने के बाद IG ने शिकायत पर एक्शन लेने के बजाए इसे पुलिस मुख्यालय भेज दिया।

जिसके बाद इस मामले की जांच का जिम्मा रायपुर ATS की टीम को दिया गया। बताया जा रहा है कि पिछले 6 महीने से टीम के सदस्य इन चारों आरक्षकों को ट्रैक कर रहे थे। लेकिन पिछले तीन-चार माह से GRP के सभी आरक्षक लंबे समय से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर रहे थे।तस्करों से पूछताछ और तकनीकी जांच के बाद पकड़े गए GRP के आरक्षक बीते 24 अक्टूबर को जीआरपी में 10-10 किलो ग्राम गांजा जब्त कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

GRP की टीम के गांजा तस्करों की जानकारी मिलते ही ATS की टीम जांच के लिए बिलासपुर पहुंच गई। इस दौरान जबलपुर निवासी गांजा तस्कर योगेश सौंधिया (39) और उत्तरप्रदेश के बांदा जिले के तस्कर रोहित द्विवेदी (32) को टीम अपने साथ लेकर रायपुर चली गई। जहां पूछताछ में उन्होंने GRP के आरक्षक संतोष राठौर, लक्ष्मण गाइन, मन्नू प्रजापति, सौरभ नागवंशी के नाम का नाम उगला।

जिसके बाद चारों आरक्षकों के पकड़ने के लिए टीम बनाई गई।ट्रेनों में गांजा तस्करों को पकड़ने बनाई गई थी एंटी क्राइम टीम।रेंज साइबर थाने में ट्रांसफर हुआ केस गांजा तस्करी के इस केस में GRP के एंटी क्राइम टीम के आरक्षकों का नाम सामने आते ही आननफानन में इस केस को रेंज साइबर थाने में ट्रांसफर किया गया, जिसके बाद इन आरक्षकों की तलाश शुरू की गई।

साइबर सेल के टीआई राजेश मिश्रा के नेतृत्व में एएसआई हेमंत आदित्य, हेड कांस्टेबल बलबीर सिंह, कांस्टेबल सरफराज खान, विकास यादव, महादेव यादव की टीम आरोपियों की तलाश कर रही थी। इस दौरान चारों आरोपियों को पुलिस की इस कार्रवाई की भनक लग गई थी। लिहाजा, वो भागने की फिराक में थे। तभी पुलिस की टीम ने रविवार की रात उन्हें दबोच लिया।पुलिस रिमांड पर दो आरक्षक, दो को भेज दिया जेल बताया जा रहा है कि आरक्षक संतोष राठौर और लक्ष्मण गाइन विभाग के बड़े अफसरों के संरक्षण में अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे थे।

रायपुर ATS की टीम ने उनके मोबाइल की तकनीकी जांच कराई है। जिसके बाद बड़े अफसरों को बचाने का खेल भी शुरू हो गया है। हालांकि, अभी गांजा तस्कर और दो आरक्षक संतोष राठौर व लक्ष्मण गाइन को पुलिस रिमांड पर लिया गया है। उनसे पूछताछ कर आगे की जानकारी जुटाई जा रही है।

वहीं, दो अन्य आरक्षकों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।132 ग्राम कोकिन के साथ पकड़ा गया था टीम का हेड आरक्षक लक्ष्मण गाइन 123 ग्राम कोकीन के साथ 24 सितंबर 2020 को पकड़ा गया था। इसके बाद यह 10 माह जेल में बंद था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर रिहा हुआ। फिर जेल से निकलने के बाद इसने पहले पुलिस एसपी (रेल) मिलना कुर्रे से बिलासपुर जीआरपी में जाने की अनुमति मांगी, इसके बाद उसे यहां भेजा गया।

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