बिना सूचना के गायब BMO सहित डॉक्टरों से पांच दिन में जवाब मांगा गया है।बिलासपुर के संभागीय कमिश्नर डॉ. महादेव कावरे मलेरिया और डेंगू प्रभावित इलाकों का औचक निरीक्षण करने पहुंचे, तब कोटा BMO सहित सात मेडिकल ऑफिसर बिना सूचना के गायब मिले।
इस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सभी को नोटिस जारी कर पांच दिन के भीतर जवाब.दरअसल, जिले में मौसमी बीमारी मलेरिया, डेंगू के साथ ही डायरिया के लिए कोटा ब्लॉक अतिसंवेदनशील है।
यहां मलेरिया से पांच और डायरिया से एक की मौत हो चुकी है। क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल जानने के लिए कमिश्नर डॉ महादेव कावरे ने बीते शनिवार को निरीक्षण किया। लेकिन, जब वो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो नजारा देख कर हैरान रह गए।
अस्पताल में डॉक्टर गायब मिले, जिसके कारण मरीजों के सुचारू एवं बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध नहीं मिल पा रही थी।उन्हें स्वास्थ्यगत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।मरीजों की दिक्कतों को देखकर नाराज हुए कमिश्नर।CMHO को लगाई फटकार, कहा-ऐसे में कैसे काम चलेगाइस दौरान कमिश्नर ने CMHO डॉ प्रभात श्रीवास्तव को फोन किया और BMO सहित डाक्टरों के गायब रहने की जानकारी दी।
उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसे में स्वास्थ्य सुविधा कैसे बेहतर होगी, जब जिम्मेदार ही लापरवाही बरते। कमिश्नर ने CMHO के माध्यम से गायब डाक्टरों को नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वर्तमान में कोटा विकास खण्ड के विभिन्न ग्रामों में डायरिया-मलेरिया और डेंगू के सम्पेक्टेड मरीजों की बढ़ती संख्या एवं मौसमी बीमारियों की रोकथाम, उनके बेहतर स्वास्थ्य एवं उपचार के लिए प्रशासन हरसम्भव प्रयासरत है।
लेकिन, जिम्मेदार ही बिना सूचना के गायब मिले तो मरीजों को कैसे उपचार मिलेगी।BMO गुप्ता समेत सात मेडिकल ऑफिसर को नोटिसजिन चिकित्सकों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें बीएमओ डॉ. एन गुप्ता सहित चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए साय, डॉ. पी जोगी, डॉ. आर सैमुअल, डॉ ए झा, डॉ आर तिवारी और डॉ एस पुनिया शामिल हैं।
उन्हें CMHO के माध्यम से नोटिस का जवाब देने कहा गया है। साथ ही छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 के विपरीत होने से छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत दण्डनीय कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।