भाइयों के कलाई पर आज बहनें सजाएगी स्नेह की डोर

राजेन्द्र देवांगन
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पत्थलगांव। भाई बहन के स्नेहील बंधन का त्यौहार रक्षा बंधन शहर सहित पूरे जिले में धूमधाम से मनाया जाएगा। त्यौहार से एक दिन पहले त्यौहार के उत्साह से बाजार गुलजार दिखा। बहने अपने भाईयों की कलाई में बांधने के लिए राखी लेने के लिए दुकानों में पहुंची। वहीं भाइयों ने बहनों को उपहार देने के लिए जमकर खरीददारी की।

व्यवसायी अनिल राय ने बताया कि कोरोना काल के बाद पहली बार राखी के त्यौहार में इतना अधिक उत्साह देखने को मिल रहा है। उन्होनें बताया कि इस बार बहने,कलाई में बांधने के लिए छोटे आकार की राखियों को अधिक पसंद कर रही हैं। राखी के साथ ही होटलों में मिठाई की मांग भी अधिक देखी जा रही है। वहीं कपड़ों के दुकानों की पूछपरख भी होती रही।

भद्राकाल का नहीं पड़ेगा असर ज्योतिषाचार्य पंडित अखिलेश त्रिपाठी ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा काल लगने की वजह से लोग काफी परेशान हैं। बहनों को चिंता है कि भद्रा के चलते वो कब और कैसे भाई की कलाई पर अपने स्नेह की डोर बांधेंगी।

रक्षाबंधन पर भद्रा काल लगेगा जरूर. लेकिन पृथ्वी लोक पर इसका कोई प्रभाव नहीं रहेगा। उन्होने बताया कि रक्षाबंधन श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस बार पूर्णिमा 19 अगस्त को रात 11.55 तक रहेगी. इसलिए रक्षाबंधन का त्योहार भी इसी दिन मान्य है। 19 अगस्त को दोपहर 1.33 बजे तक भद्रा रहेगी। लेकिन चंद्रमा के मकर राशि में होने के कारण भद्रा का निवास पाताल लोक में रहेगा। इसलिए धरती के किसी शुभ कार्य पर भद्रा का प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए पूरे दिन बिना संकोच रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है। आपको केवल राहु काल में राखी बांधने से बचना होगा। रक्षाबंधन के दिन राहुकाल भी लगने वाला है. इस दिन सुबह 7: 31 मिनट से लेकर सुबह 9: 08 मिनट तक राहु काल रहने वाला है।

कैसे मनाएं रक्षा बंधन

  • रक्षाबंधन के दिन सुबह स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें ।
  • फिर ईश्वर की आराधना के बाद एक थाल में रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षासूत्र और मिठाई रखें. घी का एक दीपक भी प्रज्वलित करें ।
  • रक्षा सूत्र और पूजा की थाल सबसे पहले भगवान को समर्पित करें इसके बाद भाई को पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करवाकर एक चौकी पर बैठाएं ।
  • पहले भाई को तिलक लगाएं, रक्षा सूत्र बांधें, इसके बाद उसकी आरते उतारें, फिर मिठाई खिलाकर भाई की मंगल कामना करें।
  • ध्यान रहे कि रक्षासूत्र बांधते समय भाई और बहन का सिर खुला नहीं होना चाहिए ।
  • रक्षा बंधवाने के बाद माता-पिता या गुरुजनों का आशीर्वाद लना न भूलें. तत्पश्चात बहन को सामर्थ्य के अनुसार उपहार दें ।
  • उपहार में ऐसी वस्तुं दें जो दोनों के लिए मंगलकारी हों. काले वस्त्र या नुकीली धारदार वस्तुए भेंट करें।
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