रिपोर्टर सिरोज विश्वकर्मा
मल्चिंग एवं ड्रीप तकनीक से उद्यानिकी फसल से किसान हो रहे मालामाल…!
बीजापुर में परंपरागत कृषि के स्थान पर मल्चिंग एवं ड्रीप पद्धति से उद्यानिकी फसल लेकर जिल के कृषक मालामाल हो रहे है, मल्चिंग, ड्रीप एवं समय-समय पर विभागीय अधिकारी के तकनीकी मार्गदर्शन से किसानों के आमदनी बढ़ाने में सहायक बन रहा है। ऐसे ही एक कृषक गुरला आनंदराव भोपालपटनम ब्लाक के रेड्डीपल्ली निवासी ने बताया कि मल्चिंग और ड्रीप पद्धति से कृषि करने पर उत्पादन में वृद्धि हुई एवं पहले तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त नही होने से सब्जी की खेती बहुत कम क्षेत्र में एवं छिड़काव विधि से बीज लगाया था। जिससे उत्पादन भी कम होता था, फिर उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा मार्गदर्शन मिला और योजनाओं से लाभान्वित होने के लिए अधिकारियों ने प्रेरित किया। जिससे राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत मल्चिंग शीट लगाने का सुझाव दिया गया।
इस योजना से 16 हजार रुपए अनुदान पर मल्चिंग शीट खेत में लगाया जिससे घास की समस्या भी दूर हुआ और सब्जी का उत्पादन भी कई गुना बढ़ा। किसान गुरला आनंदराव ने बताया कि उनके एक हेक्टेयर कृषि भूमी पर अंगीकरण से पहले छिड़काव पद्धतिसे बीज बोया था जिसमें उत्पादन 10 क्विंटल हुआ। वहीं मल्चिंग पद्धति से 40 क्विंटल से लगाया उत्पादन हो रहा है। पहले में मात्र 40 हजार का सब्जी बेचा था पर अब 2 लाख 40 हजार रुपए का सब्जी बेच सका हूॅ। इसी से मजदरू, श्रमिक लागत में भी कमी आई कम लागत, कम सिंचाई में अधिक उत्पादन से आमदनी में बढ़ोत्तरी हुई है। प्रभारी अधिकारी उद्यानिकी ने बताया कि किसानों को मल्चिंग एवं ड्रीप पद्धति से कृषि करने के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है। जिससे उत्पादन के साथ-साथ किसानों की आमदनी मे बढ़ोत्तरी होने पर आस-पाास के किसान भी प्रेरित हो रहे है।