केंद्र की मोदी सरकार जल जंगल जमीन को नष्ट कर रही है – माओवादी…!
बीजापुर- भाकपा पश्चिम बस्तर डिवीजन ने एक बार फिर पुलिस पर अपने साथी को प्रताड़ित करते हुए मारने का आरोप लगाया है। साथ ही राज्य की काँग्रेस सरकार और क्षेत्रीय विधायक विक्रम शाह मंडावी पर बस्तर की प्राकृतिक संसाधनों को कॉरपोरेट घरानों को सौंपने का आरोप लगाया है।
भाकपा पश्चिम बस्तर के सचिव मोहन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए आरोप लगाया कि 21 मार्च को कोरचिल गांव के पास सुबह 6 बजे को जंगल में पीएलजीए के ऊपर डीआरजी जवानों ने अंधाधुंधा फायरिंग जिसमें नक्सली ताती भीमे (तुमनार गांव के ) गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें डीआरजी के जवानों ने पकड़ के यातना देते हुए मारने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनका संगठन ताती भीमे को श्रद्वांजलि अर्पित करते हुए उनके अधुरे सपनों को पूरा करेगा।
माओवादी संगठन द्वारा आगे आरोप लगाते हुए कहा गया कि इसी तरह आगे बस्तर संभाग में संशोधनों को लूटने के लिए भूपेश बघेल सरकार, विकास के नाम पर बीजापुर जिले में थाना, कैम्प पुल, पुलिया रोड, बना रहा है। इसका विरोध करने पर संघर्षरत जनता के ऊपर दमन किया जा रहा है। साम्राज्यवादों के साथ सांठ-गांठ में 80 हजार करोड़ कर्जा करके छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक संपति को पूंजीपतियों को दिया जा रहा है। माओवादी संगठन द्वारा बीजापुर विधायक विक्रम शाह मंडावी के कार्यप्रणालियों को लेकर भी सवाल उठाया गया है। प्रेस विज्ञप्ति में बीते साढ़े 4 सालों में भूपेश बघेल सरकार और बीजापुर विधायक द्वारा जनता को एक भी मूलभूत सुविधा नहीं दिया है। अंग्रेजी शराब बंदी, बेरोजगारी को भत्ता के साथ ही कांग्रेस के चुनाव घोषण पत्र में लिखा एक भी वादा पूरा नहीं होने की बात कही गई है।
माओवादी संगठन ने राज्य सरकार के साथ केंद्र की मोदी सरकार पर बस्तर की जल जंगल और जमीन को नष्ट करने का आरोप लगाया गया है। माओवादी संगठन ने केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की भूपेश बघेल सरकार पर माओवादी उन्मूलन के नाम पर फर्जी मुठभेड़ कर ग्रामीणों का दमन करने की बात भी कही है। इसके लिए उन्होंने बीजापुर एसपी आंजनेय वार्ष्णेय, और राज्य सरकार माओवादी के ऊपर आर पार लड़ाई करके मीडिया में प्रचार कर रहा है। प्रेस नोट में माओवादी संगठन द्वारा आरोप लगाया गया है कि दो निर्दोष ग्रामीण पोटम और मंगू को निहत्थे पकड़ कर ले गयी है। उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। साथ ही संगठन द्वारा झूठे मुठभेड़ का आदिवासी संगठन, बुद्धिजीवि, कर्मचारी छात्र छात्राओं खण्डन और विरोध करने की अपील की गई है।
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