गंगालूर हाट-बाजार में महिलाओं का जीविका बन रहा है कपड़ा सिलाई कार्य….!
बीजापुर जिले के गंगालूर में साप्ताहिक हाट-बाजार लगता है, जिसमें ग्रामीण, किसान एवं छोटे-छोटे व्यापारी द्वारा रोजमर्रा के आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बाजार में समान बचने आते हैं, जिसमें ग्रामीण सप्ताह भर का समान लेने पहुंचते हैं, यह हाट-बाजार में ग्रामीण महिलाएं भी आजिविकामूलक कार्यों में संलग्न रहती है। करीब 8-10 महिलाएं सिलाई मशीन के साथ बाजार में उपलब्ध रहती है जो साड़ी, लहंगा, सलवार सूट सहित कपड़ा सिलाई का कार्य करती है। ग्रामीण महिलाएं पालनार, गोंगला सहित दूरस्थ पंचायतों के हैं जो वर्तमान में राहत शिविर में रहती है।
सलवा जुडूम के दौरान विस्थापित होकर राहत शिविर में रहकर अपने परिवार को आजिविका का साधन जुटाते है। महिलाओं से चर्चा करने पर बताया गया कि प्रत्येक बाजार को यहां कपड़ा सिलाई करती हैं 500-700 से लेकर अच्छा ग्राहक मिलने पर प्रति बाजार 1 हजार रूपए तक की आमदनी हो जाती है। महिलाओं ने बताया सिलाई मशीन और सिलाई का प्रशिक्षण भी शासकीय योजनाओं के माध्यम से मिला है।
बाकि दिनों में भी ग्राहक मिलने पर सिलाई कार्य करते हैं। नहीं तो घर का कार्य करते हैं हमें हाट-बाजार से आमदनी मिल जाता है। जिससे हमारी आवश्यकताओं के सामग्री हेतु अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हो जाती है। उक्त महिलाओं से कलेक्टर श्री राजेन्द्र कुमार कटारा ने हाट-बाजार के निरीक्षण के दौरान आवश्यक चर्चा की एवं बाजार का भ्रमण कर सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान डीएफओ श्री अशोक पटेल, एसडीएम बीजापुर श्री पवन कुमार प्रेमी सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
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