जंगलों की अंधाधुंध कटाई का राकेश टिकैत ने किया विरोध, भूपेश सरकार की नीतियों को सराहा, कहा- देश में कहीं नहीं मिल रहा छत्तीसगढ़ जितना बोनस..!

राजेन्द्र देवांगन
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जंगलों की अंधाधुंध कटाई का किया विरोध, भूपेश सरकार की नीतियों को सराहा, कहा- देश में कहीं नहीं मिल रहा छत्तीसगढ़ जितना बोनस

कोंडागांव. किसान नेता राकेश टिकैत बुधवार को कोंडागांव के अल्प प्रवास पर पहुंचे. इस दौरान गुरूद्वारा गुरूसिंग सभा के सिख समाज ने सरोपा देकर टिकैत को सम्मानित किया. राकेश टिकैत ने कहा कि पूरा विश्व पर्यावरण को लेकर चिंचित है, तो दूसरी ओर बस्तर में लगतार जंगल काटे जा रहे हैं. जंगल बचाने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा. तभी हम खुली हवा में सांस ले सेंकेगे. जंगल बचाने के लिए सख्त कानून की भी जरूरत है.

राकेश टिकैत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कुछ चीजों पर ठीक तरीके से काम कर रहे हैं. 2500 रुपये से ज्यादा का बनोस दिया जा है. छत्तीसगढ़ में कोल माइंस का बढ़ा मुद्दा है. जहां कोल माइन्स है. वहां से लोगों को हटाया जा रहा है. टिकैत ने कहा कि ग्रामीणों को गांव से हटाया जा रहा है, आखिर ये ग्रामीण कहां जाएंगे. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में खनन सम्पदा बहुत है. लेकिन इसका पूरा लाभ नहीं मिल रहा ये बड़ी समस्या है. बस्तर में जंगल काफी हैं, वहां के आदिवासियों को जड़ी-बूटियां के लिए समर्थन मूल्य तय होना चाहिए. एमएसपी लाना ही होगा इससे देश के साथ लोगों को काफी फायदा मिलेगा.

छत्तीसगढ़ के जितना बोनस कहीं मिल रहा- टिकैत

टिकैत ने गुरुसिंह सभा के सदस्यों से चर्चा की. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जो किसानों को बोनस मिल रहा है, वह देश में कहीं नहीं मिल रहा है. इस दौरान इसमें प्रमुख रूप से ज्ञानी इकबाल सिंह पुष्दीन्दर सिंह आनंद, त्रिलोलन सिंह वारने, गुरूमीत सिंह जोहल, रिम्पी साहनी, अमरपान सिंह आंनद, हरप्रीत सिंह, हरभजन सिंह गुजर, रंजीत सिंह, मंजीत सिंह मनोसा, जितेन्द्र सिंह कवि, अमरवीर सिंह आनंद, जगप्रीत सिंह बारने, रिंकुत अजमानी मौजूद रहे.

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