शासन को भारी आर्थिक नुकसान पहुचाकर नियम विरुद्ध शासन की जमीन का बंदरबांट कर रहे मस्तुरी तहसीलदार
रूपचन्द्र राय मस्तुरी
मस्तुरी| मस्तुरी के दर्रिघाट की शासकीय जमीन को भूमाफिया व मस्तुरी तहसीलदार द्वारा मिलीभगत कर प्लाटिंग कर बिक्री किए जाने व मोहतरा के विवादित पट्टे की जमीन को बिक्री-रजिस्ट्री व नामान्तरण किये जाने का बड़ा खुलासा होने के बाद भी मस्तुरी तहसीलदार द्वारा इस मामले में कलेक्टर द्वारा किसी भी तरह की जांच व कार्यवाही नहीं करने का दंभ भरते हुए यह कहने से बाज नहीं आ रहे है कि किसी भी मामले में मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता? आखिरकार मस्तुरी तहसीलदार की ऐसी गर्जना का कारण क्या है जिसमे घोटाला करने के बाद भी तहसीलदार कलेक्टर द्वारा भी कार्यवाही नहीं करना बता रहे है| शासकीय जमीन का बंदरबांट कर अपनी जेबे भरने वाले व भूमाफियाओ को लाभ दिलाने वाले ऐसे भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ संभाग के कमिश्नर, कलेक्टर व राजस्व मंत्री को संज्ञान लेकर कार्यवाही करने की महती आवश्यकता है ताकि शासकीय जमीन का बंदरबांट व क्षेत्र के किसानो-ग्रामीणों से हो रही अवैध वसूली पर लगाम लगाया जा सके |मस्तुरी तहसील के ग्राम पंचायत दर्रीघाट, भनेशर, मोहतरा सहित विभिन्न हल्का क्षेत्र में भू-माफियाओं से साठ-गाठ कर मस्तूरी तहसीलदार द्वारा व्यापक पैमाने पर अवैध प्लांटिंग की जमीनों का डायवर्सन-नामान्तरण कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है| मस्तुरी तहसील के दर्रीघाट में खसरा नंबर 150/18 जो निस्तार पत्रक में शासकीय भूमि दर्ज है जिसे मस्तुरी तहसीलदार द्वारा डायवर्सन की अनुमति देकर बाकायदा टुकड़ो में अवैध रूप से प्लाटिंग कराकर रजिस्ट्री किया जा रहा है साथ ही टुकड़ो में नामांतरित किया जा रहा है, इस खसरे की वर्तमान स्थिति में लगभग 20 से 25 टुकड़ो की बिक्री की जा चुकी है जिसे शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोगो द्वारा ख़रीदा गया है| इसी तरह मोहतरा में विवादित आबंटन की जमीन जिसका मामला न्यायालय में विचाराधीन है इस जमीन को भी तहसीलदार के द्वारा रजिस्ट्री कर दिया गया है| विदित हो कि मस्तुरी तहसीलदार मनोज खांडेकर के हस्ताक्षर बिना क्षेत्र की जमीन का नामातरण व रजिस्ट्री नहीं होती जिसके चलते तहसीलदार द्वारा प्रत्येक हस्ताक्षर के लिए मुह्मांगा राशि ली जाति है, राशि नहीं मिलने के एवज में नामातरण-रजिस्ट्री नहीं किया जाता है| क्षेत्र के कई सीलिंग की जमीनों को भी तहसीलदार द्वारा गुपचुप तरीके से नामान्तरण व बिक्री किये जाने का मामला सामने आया है| सूत्रों की माने तो मस्तुरी तहसीलदार मनोज खांडेकर द्वारा क्षेत्र के किसानो-ग्रामीणों से जमीन से सम्बंधित कार्यो के लिए मोटी रकम की वसूली की जा रही है वही गरीब-निर्धन वर्ग के कार्यो के लिए बिना चढोत्री किसी भी तरह के कार्य नहीं किये जाते है|
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