अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ द्वारा फार्मासिस्टों की भूमिका पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित फार्मासिस्ट: स्वास्थ्य सेवा का अनदेखा सिपाही

राजेन्द्र देवांगन
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रायपुर-/छत्तीसगढ़ अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री संतोष यादव, अध्यक्ष डॉ रितेश कुमार जैन, प्रदेश महिला प्रभारी सुश्री वन्दना देवांगन और उनकी टीम द्वारा हाल ही में फार्मासिस्टों की भूमिका और उनके महत्व को लेकर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सुश्री वन्दना देवांगन ने बताया कि आमतौर पर जब कोई व्यक्ति बीमार होता है, तो उसका पहला संपर्क डॉक्टर से होता है, लेकिन दवाइयों के सही उपयोग और प्रभावी उपचार में फार्मासिस्ट की भूमिका बेहद अहम होती है।

श्री यादव ने कहा, “फार्मासिस्ट केवल दवाइयाँ देने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे दवाइयों की गुणवत्ता, मात्रा, परस्पर प्रतिक्रिया, भंडारण, और मरीज को उसके उपयोग की सही जानकारी देने के लिए प्रशिक्षित होते हैं। वे दवा और मरीज के बीच की कड़ी हैं।”


कार्यक्रम के दौरान डॉ रितेश कुमार जैन ने बताया कि फार्मासिस्ट न केवल अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स में कार्यरत होते हैं, बल्कि अनुसंधान, औषधि निर्माण, गुणवत्ता नियंत्रण, और सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कई बार गलत दवा का उपयोग या अधिक मात्रा में सेवन गंभीर परिणाम दे सकता है, जिसे रोकने में फार्मासिस्ट की भूमिका जीवन रक्षक साबित होती है।

एसोसिएशन की टीम ने सरकार से यह मांग भी रखी कि प्रदेश में फार्मासिस्टों की नियुक्ति की प्रक्रिया को तेज किया जाए और स्वास्थ्य नीति में उन्हें उचित स्थान दिया जाए, ताकि आम जनता को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण औषधीय सेवाएं मिल सकें।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी, मेडिकल स्टूडेंट्स और आम नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का उद्देश्य फार्मासिस्ट के पेशे के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाना और उनकी अनदेखी होती भूमिका को उजागर करना था।

फार्मासिस्ट: स्वास्थ्य सेवा का अनदेखा सिपाही

जब भी कोई बीमार होता है, तो अधिकतर लोग डॉक्टर के पास जाने की सोचते हैं, लेकिन एक और महत्वपूर्ण पात्र है जिसे अक्सर नजरअंदाज किया जाता है — फार्मासिस्ट।

फार्मासिस्ट कौन है?

फार्मासिस्ट वह प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी होता है जो दवाओं से जुड़ी गहन जानकारी रखता है। वह दवाओं का वितरण करता है, मरीज को सही दवा, सही मात्रा और उपयोग का तरीका बताता है, साथ ही दवाओं के साइड इफेक्ट, इंटरैक्शन और सावधानियों के बारे में जागरूक करता है।

डॉक्टर और फार्मासिस्ट में क्या अंतर है?

बिंदु डॉक्टर फार्मासिस्ट मुख्य कार्य रोग की पहचान करना और इलाज करना दवा देना, दवा से संबंधित सलाह देना
शिक्षा MBBS, MD, आदि D.Pharm, B.Pharm, M.Pharm, Pharm.D
ध्यान केंद्रित बीमारी और इलाज दवा और उसकी गुणवत्ता व प्रभाव
मरीज से संवाद परामर्श और इलाज दवा से जुड़ी जानकारी और मार्गदर्शन

फार्मासिस्ट की गुणवत्ता और दायित्व

एक योग्य फार्मासिस्ट को दवा की संरचना, क्रिया-प्रक्रिया, साइड इफेक्ट्स, और भंडारण की जानकारी होनी चाहिए। उसे मरीज के सवालों का वैज्ञानिक आधार पर उत्तर देने में सक्षम होना चाहिए।

सही दवा का वितरण करना

नकली या एक्सपायरी दवाओं की पहचान करना

मरीज को दवा लेने के सही तरीके बताना

डॉक्टर और मरीज के बीच एक सेतु की भूमिका निभाना

मरीज की सुरक्षा सुनिश्चित करना

फार्मासिस्ट की चुनौतियाँ हालांकि फार्मासिस्ट की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन आज भी भारत के कई हिस्सों में उन्हें केवल “दवा बेचने वाला” समझा जाता है।इसके अलावा कई स्थानों पर प्रशिक्षित फार्मासिस्ट की कमी है

झोला छाप दुकानों में बिना योग्यता के लोग दवा बाँटते हैं

स्वास्थ्य नीति में फार्मासिस्ट की भूमिका को पर्याप्त महत्व नहीं मिलता

स्वास्थ्य सेवा केवल डॉक्टर तक सीमित नहीं है। एक प्रशिक्षित और योग्य फार्मासिस्ट एक सशक्त स्वास्थ्य तंत्र की रीढ़ होता है। सरकार को चाहिए कि फार्मासिस्ट की शिक्षा, पहचान और भूमिका को और मज़बूत बनाए, ताकि हर नागरिक को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ मिल सकें।

“दवा सिर्फ उपचार नहीं, सही मार्गदर्शन के साथ ही सुरक्षा है — और यही कार्य करता है फार्मासिस्ट।”

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