रायपुर –छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल की दिनांक 8 मई 2025 को आयोजित आम सभा में काउंसिल में नए पंजीयन एवं नवीनीकरण सहित अन्य फीस को बढ़ाकर 1 जून से लागु किया गया था जिसका विरोध अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन छत्तीसगढ़ ने खुल कर किया, दिनांक 13 जून को आयोजित कार्यसमिति की बैठक में इस बढ़ी हुई फीस पर पुनर्विचार के लिए 2 जुलाई 2025 को काउंसिल का विशेष सम्मेलन आयोजित कर निर्णय लेने का प्रस्ताव किया गया,
जिस पर आज न्यू सर्किट हाउस रायपुर में विशेष बैठक हुई जिसमें उपस्थित सभी सदस्यों ने उक्त बढ़ी हुई फीस पर विभिन्न बिन्दुओं पर पुनर्विचार किया और अंत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि किसी भी प्रकार की फीस में वृद्धि नहीं की जाएगी फीस वृद्धि से हजारों फार्मासिस्टो को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है परन्तु यह केवल कोरोना काल में घटाए गए पंजीयन नवीनीकरण शुल्क को 300 रूपये के स्थान पर 500 रूपये किया गया है इस तरह पूर्व में लागू फीस जैसे ही रहेगी साथ ही 1 जून से ले ली गयी बढ़ी फीस को फार्मासिस्टों को वापस किये जाने का निर्णय लिया गया है l उपरोक्त निर्णय कल दिनांक 3 जुलाई से लागू हो जाएगा ।
ABPA के इस प्रस्ताव को मान्य करने के लिए सभी फार्मासिस्ट और अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन द्वारा छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल को धन्यवाद दिया गया है।
छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्टार और सभी सदस्यों ने कहा जो भी निर्णय लिया जाता है सभी फार्मासिस्ट के हित में होता है और आगे भविष्य में जो भी निर्णय लिया जायेगा सभी फार्मेसिस्ट के हित को देखते हुए सभी के सहमति से लिया जाएगा।