छत्तीसगढ़ कोनी बिलासपुर में स्थित, कुमार साहब स्व. श्री दिलीप सिंह जुदेव जी, शासकीय सुपर स्पेशलिटी अस्पताल. शुरुवात होने के बाद यह पहला कार्यक्रम के रूप में डॉक्टर्स डे मनाया गया और चिकित्सा क्षेत्र में उनके योगदान को सम्मानित किया गया। इस मौके पर अस्पताल के अधीक्षक डॉ बी. पी. सिंह ने कहा कि चिकित्सा व्यवसाय के साथ सेवा का भी कार्य हैं जिसमें डाक्टर 24×7 मरीजो को ठीक करने में उनकी सेवा में लगे रहते है। चिकित्सा का कोई धर्म नहीं होता, इनका सिर्फ़ एक ही धर्म होता है वो है मानवता। जब कोई मरीज़ चिकित्सा के लिए आता है तो वह ठीक होने की उम्मीद से बेहतर इलाज़ के उम्मीद से आता है और वह यह कभी नहीं सोचता कि हम सिर्फ एक डाक्टर है कुछ लोग डॉक्टर को भगवान का दर्जा देते है तो डॉक्टर को भी होना चाहिए कि मानवता से उसके समक्ष कोई भी मरीज आए उसका बेहतर उपचार हो ।
चिकित्सक जब अपने क्लीनिक में कार्य करता है तो उसमें वह स्वयं की भागीदारी देता है, मगर यही चिकित्सक जब किसी संस्था में कार्य करता है तो उसके साथ पूरी टीम वर्क कार्य करता है। जिसमें नर्स, फार्मासिस्ट, परिचारिकाएं, पैरामेडिकल स्टॉफ सभी की सहभागी से कार्य होता है। जिसका परिणाम भी अच्छा आता हैं।डॉ बी पी सिंह द्वारा बताया गया कि जल्द ही अस्पताल में इंडोर अतः रोगी विभाग प्रारंभ होगा जिसमें कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, डायलासिस, कैंसर जैसे तमाम सुविधाएं प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा यह सुविधाओं को बढ़ाने की व्यवस्था की जा रही है प्रति दिन लगभग 70-80 से भी ज्यादा मरीज यहां अपना इलाज़ करवा रहे है इस दौरान नर्स, फार्मासिस्ट और डॉक्टर मौजूद रहे हैं।
क्यों मनाया जाता है डाक्टर डे
1 जुलाई को भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctors Day) मनाया जाता है।इस दिन को डॉ. बिधान चंद्र रॉय की जयंती और पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो एक प्रसिद्ध चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री थे।
जिनकी सेवाएं आज भी भारत में चिकित्सा क्षेत्र को प्रेरित करती हैं। यह दिन डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त करने और समाज में उनके महत्व को याद दिलाने का अवसर होता है और उन डॉक्टरों के अमूल्य योगदान का सम्मान किया जा सके जो दूसरों की जान बचाने के लिए अपना जीवन समर्पित करते हैं।