रायपुर: जांजगीर जिला अस्पताल में सिविल सर्जन पर तानाशाही के आरोप, तीन डॉक्टरों का तबादला, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया आदेश

राजेंद्र देवांगन
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रायपुर, 29 अप्रैल 2025: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल पर तानाशाही रवैया, मानसिक उत्पीड़न, और पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोपों के बाद राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है। स्वास्थ्य विभाग ने सिविल सर्जन समेत जिला अस्पताल के तीन डॉक्टरों का तबादला आदेश जारी किया है। यह कार्रवाई जिला अस्पताल और बीडीएम अस्पताल चांपा के डॉक्टरों व स्टाफ की शिकायत के बाद स्वास्थ्य मंत्री को दी गई जांच के आधार पर की गई।

क्या है मामला?
जांजगीर जिला अस्पताल और बीडीएम अस्पताल चांपा के कर्मचारियों ने सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल पर गंभीर आरोप लगाए थे। इनमें तानाशाही व्यवहार, कर्मचारियों का मानसिक उत्पीड़न, और पद का दुरुपयोग शामिल था। शिकायत में कहा गया कि डॉ. जायसवाल के रवैये से अस्पताल का कामकाज प्रभावित हो रहा था और कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री को शिकायत दी गई, जिसके बाद विभाग ने जांच शुरू की।

तबादला आदेश की डिटेल
जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग ने निम्नलिखित तबादला आदेश जारी किए:

  • डॉ. दीपक जायसवाल, सिविल सर्जन, जांजगीर जिला अस्पताल: सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में प्रभारी सिविल सर्जन नियुक्त।
  • डॉ. एस कुजूर, खडगवा (जीपीएम जिला): जांजगीर जिला अस्पताल के नए प्रभारी सिविल सर्जन बनाए गए।
  • डॉ. इकबाल हुसैन, जांजगीर जिला अस्पताल: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, नारायणपुर भेजे गए।
  • डॉ. दीपक साहू, जांजगीर जिला अस्पताल: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, खडगाव (जीपीएम) तबादला।
  • डॉ. विष्णु पैगवार, जांजगीर जिला अस्पताल: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, दोरनापाल (सुकमा) भेजे गए।

स्वास्थ्य विभाग का रुख
स्वास्थ्य विभाग ने इस कार्रवाई को कार्यस्थल पर अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “शिकायत की गहन जांच के बाद यह फैसला लिया गया है। हमारा लक्ष्य है कि अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलें और कर्मचारियों का मनोबल ऊंचा रहे।”

कर्मचारियों और जनता की प्रतिक्रिया
जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने तबादला आदेश का स्वागत किया है। एक कर्मचारी ने कहा, “सिविल सर्जन के व्यवहार से काम का माहौल खराब हो गया था। अब नए प्रभारी के आने से सुधार की उम्मीद है।” वहीं, स्थानीय लोगों ने मांग की है कि जिला अस्पताल में मरीजों की सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जाए, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो सकें।

पहले भी विवादों में रहा जांजगीर अस्पताल
जांजगीर जिला अस्पताल पहले भी विवादों में रहा है। फरवरी 2024 में अस्पताल में दवाइयों की कमी और स्टाफ की लापरवाही की शिकायतें सामने आई थीं। इन शिकायतों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने स्टॉक की जांच और कर्मचारियों के प्रशिक्षण का आदेश दिया था। इस बार सिविल सर्जन पर लगे आरोपों ने अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर फिर से सवाल उठाए हैं।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)