बलौदाबाजार: धान खरीदी में बड़ा घोटाला, 368.78 क्विंटल धान गायब, उपार्जन केंद्र प्रभारी गिरफ्तार, दो फरार

राजेंद्र देवांगन
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बलौदाबाजार, 28 अप्रैल 2025: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में धान खरीदी में गंभीर अनियमितता का मामला सामने आया है। तहसील पलारी के प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के जारा उपार्जन केंद्र पर सहकारिता विभाग की जांच में 368.78 क्विंटल धान गायब होने की पुष्टि हुई है, जिसकी कीमत 8,48,194 रुपये है। इस घोटाले के बाद केंद्र प्रभारी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दो अन्य आरोपी फरार हैं।

जांच में खुला घोटाला
सहकारिता विभाग की जांच टीम ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के तहत जारा उपार्जन केंद्र की जांच की। जांच में पाया गया कि केंद्र पर 54,905.60 क्विंटल धान खरीदा गया, लेकिन डिलीवरी केवल 54,536.82 क्विंटल धान की दी गई। इस तरह 368.78 क्विंटल धान स्टॉक में नहीं मिला। यह अनियमितता सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने और धान खरीदी प्रक्रिया में हेराफेरी का स्पष्ट मामला है।

प्रभारी गिरफ्तार, दो फरार
शाखा प्रबंधक संजय वर्मा की शिकायत पर पलारी थाने में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने उपार्जन केंद्र प्रभारी परदेशी राम साहू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। हालांकि, समिति प्रभारी पंच राम ध्रुव और कंप्यूटर ऑपरेटर दीपक साहू फरार हैं। पलारी थाना प्रभारी धीरेंद्र दुबे ने बताया कि फरार आरोपियों की तलाश के लिए छापेमारी जारी है और जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा।

प्रशासन की सख्ती, अन्य केंद्रों पर भी जांच
जिला प्रशासन ने इस घोटाले को गंभीरता से लिया है और अन्य सहकारी समितियों व उपार्जन केंद्रों पर भी जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी धीरेंद्र दुबे ने कहा, “जहां कहीं भी अनियमितता पाई जाएगी, वहां सख्त कार्रवाई होगी।” यह मामला जिले में धान खरीदी प्रक्रिया की निगरानी और पारदर्शिता पर सवाल उठा रहा है।

पहले भी सामने आए हैं घोटाले
बलौदाबाजार जिले में धान खरीदी में अनियमितता का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले जनवरी 2025 में जिले के अमेरा क्षेत्र की लक्ष्मी ट्रेडर्स राइस मिल से 820 क्विंटल धान गायब होने का मामला सामने आया था, जिसके बाद कलेक्टर ने 20.50 लाख रुपये की बैंक गारंटी जब्त की थी। ऐसे मामलों ने जिले में धान खरीदी और कस्टम मिलिंग प्रक्रिया में सुधार की जरूरत को उजागर किया है।

किसानों में नाराजगी, प्रशासन पर दबाव
इस घोटाले से किसानों में आक्रोश है, क्योंकि धान खरीदी में हेराफेरी से उनकी मेहनत पर पानी फिर रहा है। स्थानीय किसानों ने मांग की है कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि सभी दोषियों पर कार्रवाई होगी और धान खरीदी प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया जाएगा।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)