पहलगाम हमले के बाद छत्तीसगढ़ में पुलिस का सर्चिंग अभियान: दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़ में अवैध निवासियों की जांच

राजेंद्र देवांगन
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रायपुर, 27 अप्रैल 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए, के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे लोगों, विशेष रूप से पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों, की तलाश में सघन सर्चिंग अभियान शुरू किया है। रविवार को दुर्ग, बिलासपुर, और रायगढ़ में पुलिस ने छापेमारी और वेरिफिकेशन अभियान चलाया, जिसमें सैकड़ों संदिग्धों की जांच की गई। यह अभियान सुरक्षा चिंताओं और आपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए चलाया जा रहा है।

दुर्ग: तीन ASP के नेतृत्व में छापेमारी

दुर्ग SP विजय अग्रवाल ने तीन एडिशनल SP—सुखनंदन राठौर, अभिषेक झा, और पद्मश्री तंवर—के नेतृत्व में टीमें गठित कीं। रविवार तड़के 4:30 बजे से छापेमारी शुरू हुई, जो मुख्य रूप से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में केंद्रित थी।

  • छापेमारी के स्थान:
  • ASP अभिषेक झा: मोहन नगर थाना क्षेत्र के उरला, बॉम्बे आवास।
  • ASP सुखनंदन राठौर: भिलाई-3 थाना क्षेत्र के हथखोज औद्योगिक क्षेत्र।
  • ASP पद्मश्री तंवर: सुपेला थाना क्षेत्र के सुपेला मस्जिद के पीछे।
  • कार्रवाई:
  • हर घर की तलाशी ली गई, निवास संबंधी दस्तावेज (आधार कार्ड, वोटर कार्ड) जांचे गए।
  • सभी व्यक्तियों के फिंगरप्रिंट लिए गए, जिन्हें पुलिस ऐप के जरिए आपराधिक रिकॉर्ड से मिलाया जा रहा है।
  • बॉम्बे आवास में 4 फरार वारंटी गिरफ्तार किए गए।
  • एक चोरी की स्कूटी (सरस्वती नगर थाना, रायपुर में दर्ज शिकायत) बरामद।
  • दो लड़कों को छिनतई के सामान सहित हिरासत में लिया गया।
  • कुल 43 संदिग्धों की पहचान की गई, जिनसे मोहन नगर थाने में पूछताछ जारी है।

ASP अभिषेक झा ने कहा, “यह अभियान सिर्फ पाकिस्तानी नागरिकों तक सीमित नहीं है। जो भी अवैध रूप से रह रहा है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

बिलासपुर: 300 से अधिक संदिग्धों की जांच

बिलासपुर पुलिस ने रविवार को पांच थाना क्षेत्रों—तोरवा, तारबाहर, सिविल लाइन, सरकंडा, और सिरगिट्टी—में सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान 300 से अधिक संदिग्धों को थानों में लाकर उनके दस्तावेजों और गतिविधियों की जांच की गई।

  • संदिग्धों का विवरण:
  • अधिकांश संदिग्ध पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना, मिदनापुर, और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से हैं।
  • ICJS (Interoperable Criminal Justice System) पोर्टल के जरिए उनके आपराधिक रिकॉर्ड की पड़ताल की जा रही है।
  • अतिरिक्त कार्रवाई:
  • 20 सक्रिय गुंडे-बदमाशों की भी जांच की गई।
  • अभियान में अवैध शराब बिक्री और गांजा तस्करी जैसे मामलों में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने बताया कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह अभियान निरंतर जारी रहेगा।

रायगढ़: 50 लोगों का वेरिफिकेशन

रायगढ़ कोतवाली पुलिस ने रविवार सुबह इंदिरा नगर और आसपास के मोहल्लों में छापेमारी कर 50 लोगों को थाने लाया। इनमें ज्यादातर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और अन्य जिलों से आए मजदूर हैं, जो कबाड़, भवन निर्माण, और अन्य कार्यों के लिए ठेकेदारों द्वारा लाए गए हैं।

  • जांच प्रक्रिया:
  • आधार कार्ड, वोटर कार्ड, और अन्य पहचान पत्रों की जांच।
  • अभी तक कोई संदिग्ध नहीं मिला, लेकिन दस्तावेजों की पड़ताल जारी है।
  • समस्या:
  • ठेकेदार बाहरी मजदूरों की मुसाफिरी थाने में दर्ज नहीं कराते और न ही पुलिस वेरिफिकेशन करवाते हैं।
  • इससे कई लोग बिना रिकॉर्ड के किराए के मकानों में रह रहे हैं, जो सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।

कोतवाली थाना प्रभारी सुखनंदन पटेल ने कहा, “हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई अवैध रूप से न रह रहा हो। सभी के दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।”

  • पिछली कार्रवाई: 23 अप्रैल 2025 को रायगढ़ पुलिस ने 37 लोगों को पकड़ा था, जो पहचान छिपाकर रह रहे थे। इनमें 19 को पूंजीपथरा पुलिस और 18 को कोतवाली पुलिस ने हिरासत में लिया था।

पृष्ठभूमि और संदर्भ

  • पहलगाम हमला: 22 अप्रैल 2025 को अनंतनाग के बैसरण घाटी, पहलगाम में आतंकियों ने 26 लोगों, ज्यादातर पर्यटकों, की हत्या की। हमले की जिम्मेदारी TRF (द रेसिस्टेंस फ्रंट) ने ली, और जांच में लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तानी आतंकियों की संलिप्तता सामने आई।
  • छत्तीसगढ़ में सतर्कता: हमले के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने आपराधिक गतिविधियों और अवैध निवास पर नकेल कसने के लिए पुलिस को अलर्ट किया।
  • पिछले अभियान:
  • रायपुर में 30 जनवरी 2025 को 2,000 से अधिक बाहरी लोगों की जांच की गई थी।
  • दुर्ग में दिसंबर 2024 में 600 बाहरी नागरिकों की पहचान की गई थी, और हथखोज क्षेत्र में 21 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था।
  • रायगढ़ में दो पाकिस्तानी नागरिकों को फर्जी वोटर कार्ड के लिए 27 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया।

प्रभाव

  • सुरक्षा: यह अभियान अवैध निवास और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने की पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। स्थानीय लोग इसे सुरक्षा के लिए जरूरी मान रहे हैं।
  • चिंताएं: बाहरी मजदूरों, खासकर पश्चिम बंगाल से आए लोगों, में डर का माहौल है। कई वैध दस्तावेज वाले मजदूरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
  • ठेकेदारों पर सवाल: बिना मुसाफिरी दर्ज किए मजदूरों को लाने वाले ठेकेदारों की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस ने चेतावनी दी है कि ऐसे ठेकेदारों पर भी कार्रवाई होगी।
  • सामुदायिक प्रभाव: मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में केंद्रित छापेमारी से कुछ समुदायों में असंतोष की भावना है, लेकिन पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह अभियान सभी अवैध निवासियों के खिलाफ है, न कि किसी समुदाय विशेष को निशाना बनाता है।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)