छग बोर्ड की कक्षाओं में लौटी रौनक नियमों के साथ अध्यापन प्रारंभ
कोविड-19 के प्रसार और उसके दुष्प्रभाव को लेकर बीते वर्ष मार्च से बंद पड़े स्कूलों को अब जाकर खोला गया है। इसमें भी केवल छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों की कक्षाएं शामिल की गई है, जहां अध्ययन-अध्यापन शुरू हो गया है। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ इस काम को संपन्न किया जाना है। इससे पहले शिक्षा मंडल ने स्थानीय और बोर्ड परीक्षाओं की घोषणा करने के साथ तिथि जारी कर दी है।
सरकारी 179 स्कूलों के अलावा सैकड़ों की संख्या में निजी स्कूलों में नवमीं से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं शुरू हो गई हैं।
पिछले वर्ष से इन्हें सरकार के आदेश पर बंद रखा गया था। बोर्ड परीक्षाएं चूंकि संपन्न हो चुकी थी। ऐसे में मूल्यांकन का कार्य सतर्कता के साथ किया गया। वहीं स्थानीय परीक्षाओं का आयोजन किये बगैर छात्रों को जनरल प्रमोशन देते हुए अगली कक्षा के लिए क्रमोन्नत कर दिया गया। आगे की स्थिति में ऑनलाइन मोड पर विद्यार्थियों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा गया। वर्तमान स्थिति में अधिकांश कक्षाओं का पाठ्यक्रम 80 फीसदी के आसपास पूरा हो चुका है। देश भर में कोरोना के मामलों की समीक्षा सरकार ने कराई है। इससे जो आंकड़े सामने आए हैं उसका विश£ेषण करने के साथ तय किया गया कि अब शेष अवधि के लिए बोर्ड कक्षाओं का संचालन ऑफलाइन मोड में किया जाए। इसके पीछे मंशा यह है कि विद्यार्थियों की अध्ययन से संबंधित कमजोरियों को दूर किया जाए। परीक्षा से ठीक पहले उन्हें जरूरी मार्गदर्शन देने में शिक्षकों को जुटाया जाए। कहा जा रहा है
कि ऑनलाइन क्लास में विद्यार्थियों को लाभ जरूर हुआ है। विभिन्न विषयों की कापियां भरी जरूर हैं लेकिन अनेक मामलों में जिज्ञासा और शंका का समाधान होना बाकी है। इसके लिए ऑफलाइन मोड को सबसे उपयुक्त तरीका माना गया है। सरकार की कोशिशों से अब स्कूलों में रौनक की वापसी हुई है। कक्षाएं कैसे संचालित करना है इस बारे में सर्व संबंधितों को निर्देश दिए जा चुके हैं। समय-समय पर प्रशासन के अधिकारी शहर और ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पहुंचने के साथ देखेंगे कि ऑफलाइन से चल रही कक्षाओं के बारे में जो नियम जारी किये गए हैं उसका परिपालन इमानदारी के साथ हो रहा है या नहीं।
यूनिफार्म भी अनिवार्य
विद्यार्थियों के लिए संस्थागत आधार पर यूनिफार्म सुनिश्चित किये गए हैं। बीते सत्र में स्कूल संचालित नहीं हुए, इससे यूनिफार्म की आवश्यकता नहीं पड़ी। इस लिहाज से माना जा रहा है कि सभी विद्यार्थियों के पास यूनिफार्म उपलब्ध होंगे। उन्हें कक्षाएं अटेंड करने के साथ वार्षिक परीक्षा देने के लिए इसका उपयोग करना होगा। शिक्षा विभाग को लगता है कि इस दिशा में किसी भी विद्यार्थी को परेशानी नहीं होगी।
हर हाल में होगा नियम पालन
कोविड प्रोटोकॉल की जो गाइडलाइन तय की गई है उसे ध्यान में रखते हुए ही स्कूलों में नवमीं से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित की जानी है। स्कूल भवनों को उक्तानुसार सेनेटाइज करा दिया गया है। शिक्षकों से लेकर विद्यार्थियों के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंस अनिवार्य किया गया है। किसी भी स्थिति में इस मामले में लचीलापन स्वीकार्य नहीं होगा।
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