अब घर बैठे होगा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का पूजन: मई से शुरू होगी ऑनलाइन पूजा और लाइव दर्शन की सुविधा

Babita Sharma
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खंडवा, मध्यप्रदेश। देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की व्यवस्थाएं अब हाईटेक हो रही हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब यहां ऑनलाइन पूजा, अभिषेक, हवन और लाइव दर्शन जैसी सुविधाएं भी शुरू की जा रही हैं। यह सेवा अप्रैल के अंतिम सप्ताह या मई माह से श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध होगी।


स्लॉट सिस्टम के बाद अब ऑनलाइन श्रद्धा का युग

ओंकारेश्वर मंदिर में पहले से ही स्लॉट आधारित दर्शन प्रणाली लागू है। अब तकनीकी सुविधाएं बढ़ाते हुए श्रद्धालुओं को वेबसाइट के माध्यम से घर बैठे ही पूजा-अर्चना, अभिषेक और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने की सुविधा मिलेगी। वीडियो कॉलिंग या लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से यजमान पुजारियों के साथ पूजा कर सकेंगे।


कलेक्टर स्वयं कर रहे व्यवस्था की निगरानी

खंडवा के कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने बताया कि इस ऑनलाइन सुविधा से देश-विदेश में रहने वाले उन भक्तों को विशेष लाभ मिलेगा, जो किसी कारणवश ओंकारेश्वर नहीं आ सकते। इसके लिए मंदिर की वेबसाइट को अपग्रेड किया जा रहा है, जिसमें बुकिंग, दान, दक्षिणा, रहने-खाने की जानकारी सहित कई विकल्प होंगे।

इतना ही नहीं, कलेक्टर ने अपने कार्यालय में बैठकर मंदिर के सीसीटीवी कैमरों की लाइव मॉनिटरिंग भी शुरू कर दी है, ताकि दर्शन व्यवस्था में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके।


त्योहारों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़

ओंकारेश्वर में सामान्य दिनों में 40 से 50 हजार भक्त पहुंचते हैं, जबकि शनिवार, रविवार और सोमवार को यह संख्या 1 से 1.25 लाख तक हो जाती है। त्योहारों के समय यह आंकड़ा 3 से 4 लाख तक पहुंच जाता है। इस भीड़ को नियंत्रित करने और दूर-दराज के भक्तों को पूजा से जोड़ने के लिए यह डिजिटल पहल बेहद जरूरी मानी जा रही है।


कैसे काम करेगी ऑनलाइन पूजा सेवा?

  • वेबसाइट से स्लॉट बुकिंग कर श्रद्धालु अपनी सुविधा के अनुसार पूजा तय कर सकेंगे।
  • लाइव वीडियो के जरिए पुजारियों के साथ जुड़कर पूजन-अर्चन करेंगे।
  • लैपटॉप, मोबाइल और ऑडियो-वीडियो डिवाइस से लैस पुजारी संपूर्ण विधि-विधान से पूजा संपन्न कराएंगे।
  • वेबसाइट पर ही दान, दक्षिणा, भोग, प्रसाद वितरण और आरती दर्शन की व्यवस्था भी रहेगी।

आस्था और तकनीक का संगम

ओंकारेश्वर में शुरू की जा रही यह सेवा परंपरा और तकनीक के मेल का बेहतरीन उदाहरण बन सकती है। इससे भक्तों को आध्यात्मिक संतोष तो मिलेगा ही, साथ ही मंदिर की आर्थिक पारदर्शिता और व्यवस्था भी मजबूत होगी।

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ब्यूरो चीफ - मध्यप्रदेश