भालू के साथ हुई क्रूरता, मुंह-पंजा तोड़ा, फिर तड़पा कर मार डाला,जानिए पूरा मामला

राजेन्द्र देवांगन
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भालू के साथ हुई क्रूरता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। तस्वीरें विचलित कर सकती हैं।

छत्तीसगढ़ के बस्तर में भालू के साथ क्रूरता का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसमें कुछ ग्रामीणों ने भालू के पैरों को तार से डंडे पर बांधा, मुंह और पंजा तोड़ा, सिर पर वार किया है। इस दौरान भालू दर्द से तड़पता रहा।

वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि यह सुकमा जिले के केरलापाल का है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं है। करीब 2 मिनट 20 सेकेंड के वीडियो में एक ग्रामीण भालू के कान को पकड़कर खींच रहा है। दूसरा ग्रामीण उसके सिर में हाथ से जोर-जोर से मार रहा है। इससे पहले भालू की इतनी पिटाई की गई कि उसका मुंह तोड़ दिया गया। मुंह से खून निकल रहा है।

पंजे को तोड़ा, बाल भी खींचे गए

वीडियो में युवक पहले उसके सिर पर वार करता दिखा फिर उसके पंजे को भी तोड़ता नजर आया। बाल खींचे गए। जिस जगह पर भालू के साथ यह क्रूरता हुई वहां पास में ही ग्रामीण महिलाएं और बच्चे भी खड़े हैं। जो जोर-जोर से हंस रहे।

भालू के साथ क्रूरता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। भालू के बाल खींचता हुआ युवक।
लोगों की पिटाई के दौरान भालू चिल्लाता रहा लेकिन लोग उसे पीटते रहे।

अफसर बोले- एक्शन लेंगे

वहीं CCF आरसी दुग्गा ने कहा कि इसपर तत्काल एक्शन लिया जाएगा। वीडियो में दिख रहे लोग कौन हैं, कहां के रहने वाले हैं इसका पता लगाएंगे। जिसके बाद वन्य प्राणी अधिनियम 1972 के तहत इनपर कार्रवाई होगी। इसमें 2 साल की सजा से लेकर आजीवन कारावास का प्रावधान है।

भारत में जानवरों के साथ अमानवीय व्यवहार को गैरकानूनी माना जाता है और इसे दंडनीय अपराध माना जाता है। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 (Prevention of Cruelty to Animals Act, 1960), जानवरों के साथ क्रूरता को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कानूनों में से एक है। इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 428 और 429 के तहत जानवरों को चोट पहुँचाना, जहर देना, मारना या उन्हें क्रूरतापूर्वक नुकसान पहुँचाना दंडनीय अपराध है।

अमानवीय व्यवहार के लिए सजा:
  • पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960:
    इस अधिनियम के तहत जानवरों के साथ क्रूरता करने पर अधिकतम 6 महीने की सजा या 500 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.

  • भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429:
    इन धाराओं के तहत जानवरों को नुकसान पहुंचाने या मारने पर अधिकतम 2 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है.

अमानवीय व्यवहार के कुछ उदाहरण:
  • जानवर को अनावश्यक रूप से नुकसान पहुँचाना या मारना।
  • जानवर को भोजन या पानी से वंचित करना।
  • जानवर को ऐसी परिस्थितियों में छोड़ना जिसमें वह भूख, प्यास या ठंड से पीड़ित हो सके।
  • जानवर को अत्यधिक या कठोर तरीके से काम पर लगाना।
  • जानवरों के साथ दुर्व्यवहार करना या उनकी उपेक्षा करना।
कानून के तहत कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान:

  • पशुओं को बिना उचित कारण के छोड़कर जाना:
    यह एक दंडनीय अपराध है, और ऐसा करने पर सजा का प्रावधान है.

  • पशुओं को जहर देना:
    यह भी एक दंडनीय अपराध है और सजा का प्रावधान है.

  • पशुओं को प्रदर्शित करना या प्रशिक्षित करना:
    कुछ परिस्थितियों में, पशुओं को प्रदर्शित करने या प्रशिक्षित करने के तरीके भी अमानवीय माने जा सकते हैं और दंडनीय अपराध हो सकते हैं.
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