MP -इंदौर में कुत्तों के आतंक पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। यहां के पंचकुइया राम मंदिर परिसर में दो साल की बच्ची पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। एक कुत्ता उसे घसीटने लगा, किसी ने आंख पर हमला किया तो किसी ने बच्ची का सिर नोंच डाला। मासूम की चीख सुनकर मां दौड़ी और कुत्तों से भिड़ गई। जिसके बाद उसकी जान बच सकी।
कुत्तों के झुंड ने दो साल की मासूम पर किया हमला,
मां ने बड़ी मशक्कत के बाद कुत्ते के जबड़े से बच्ची का सिर निकाला, दूसरे हाथ से उसे संभाला और कुत्तों को भगाने लगी। इस दौरान वह भी घायल हो गई। पिता और वहां मौजूद लोगों ने कुत्तों को पत्थरों और डंडों से खदेड़ा। मासूम को गंभीर हालत में चार अस्पताल भटकने के बाद सरकारी एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने 35 टांके लगाए। इंदौर में कुत्तों के काटने से घायल हुई बच्ची।

डाॅक्टर्स के मुताबिक बच्ची की हालत अब खतरे से बाहर है, लेकिन ठीक होने में एक महीना लगेगा। घटना 19 मार्च यानी रंगपंचमी की शाम की है। मामला अब सामने आया है।
चार अस्पताल भटके, दो में डॉक्टर नहीं मिले…
जानकारी के मुताबिक घायल बच्ची को लेकर मां-बाप पहले छत्रीपुरा स्थित शिवम हॉस्पिटल पहुंचे, जहां डॉक्टर नदारत थे। इके बाद वे लोग बच्ची को लेकर क्लॉथ मार्केट हॉस्पिटल गए, लेकिन वहां भी सीनियर डॉक्टर नहीं मिला। फिर टॉवर चौराहा स्थित एप्पल हॉस्पिटल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने 80 हजार रुपए खर्च बताकर भर्ती करने को कहा। अंत आर्थिक तंगी के चलते परिजन एमवाय अस्पताल पहुंचे और इलाज कराया।
पलकें नोंची: दो साल की बच्ची पर कुत्तों ने किया हमला,
डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची के सिर की ऊपरी त्वचा बुरी तरह नोची गई है। आंख के पास गहरा घाव है। पलक का हिस्सा भी कट गया है। बच्ची को एंटी रेबीज इंजेक्शन दिया गया है। 23 मार्च से 16 अप्रैल तक पांच डोज पूरे होंगे।
मंदिर परिसर में आवारा कुत्तों का आतंक
मंदिर परिसर और आसपास 50 से ज्यादा खूंखार कुत्ते हैं, जो श्रद्धालुओं और गोशाला की गायों-बछड़ों पर हमला कर चुके हैं। 19 मार्च को ही तीन श्रद्धालुओं को कुत्तों ने काटा है। पिछले 24 घंटे में 7 लोग इनका शिकार बने। घटना से महामंडलेश्वर रामगोपालदासजी महाराज ने नगर निगम कमिश्नर और मेयर को फोन कर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने शहर के बाहर कुत्तों के लिए बड़े आश्रय स्थल बनाने की मांग की है।
इंदौर में हर महीने 4-5 हजार डॉग बाइट केस
हुकुमचंद हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. आशुतोष शर्मा के मुताबिक, इंदौर में हर महीने 4 से 5 हजार डॉग बाइट केस आ रहे हैं। पिछले एक साल में 50 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए। हाईकोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई हो चुकी है, जिसमें कोर्ट ने नगर निगम को एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियमों के तहत नसबंदी और टीकाकरण बढ़ाने के निर्देश दिए थे।
मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने घटना पर दुख जताते हुए जल्द ही अभियान चलाकर आवारा कुत्तों को शहर से बाहर करने की बात कही। उन्होंने आश्वासन दिया कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत ठोस कार्रवाई होगी।