मुंगेली जिले के विकासखण्ड पथरिया के छोटे से गाँव ककेड़ी के राजकुमार पटेल ने अपनी मेहनत और सरकार की योजनाओं के सहयोग से आर्थिक सशक्तिकरण की नई मिसाल कायम की है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत मछलीपालन को अपनाकर वे न केवल आत्मनिर्भर बने हैं, बल्कि सालाना 05 लाख रुपये की आय भी अर्जित कर रहे हैं। राजकुमार पटेल का परिवार वर्षों से पारंपरिक कृषि पर निर्भर था, लेकिन सीमित आय के कारण आर्थिक समस्याएं बनी रहती थीं। परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में सोचते हुए उन्होंने वैकल्पिक व्यवसाय की तलाश शुरू की। इसी दौरान उन्हें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने मत्स्य विभाग से संपर्क किया और योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया।
किसान मछली पालन से बना लखपति, ऐसी है कहानी

राजकुमार को योजना के तहत 2.24 लाख रुपये की अनुदान राशि प्राप्त हुई, जिससे उन्होंने 0.800 हेक्टेयर भूमि पर तालाब का निर्माण कराया। इसके बाद उन्होंने 25 लाख स्पॉन, 03 लाख फिंगरलिंग मत्स्य बीज और 4,000 कतला, रोहू, मृगल एवं पंगेशियस प्रजाति की मछलियों का पालन शुरू किया। उनकी मेहनत रंग लाई,
आत्मनिर्भर होने के साथ रोजगार सृजन भी कर रहे फिशरमैन
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेकर मछलीपालन करने वाले मछुआ सहकारी समिति के सदस्य आर्थिक संपन्नता की ओर अग्रसर हो रहे हैं. वे खुद तो आत्मनिर्भर हो रहे हैं, साथ ही अन्य लोगों को भी इस काम से रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं.