मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूरे छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के खिलाफ विरोध में प्रदर्शन किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर हुई ED की रेड के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी का पुतला दहन किया।
रायपुर के जिला कांग्रेस कार्यालय से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए नगर निगम चौक पहुंचे। यहां ईडी के खिलाफ प्रदर्शन किया गया और पुतला दहन किया गया। मौके पर मौजूद पुलिस बल ने आग बुझाने की कोशिश की, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई। हालांकि, स्थिति जल्द ही सामान्य हो गई।
इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे ‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई’ करार दिया। उनका कहना है कि मोदी सरकार विपक्षी दलों को दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले में विधानसभा में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “संयोग है या प्रयोग है, क्या कहें… कवासी लखमा ने अरुण साव से सवाल पूछा, 8 दिन में ईडी पहुंच गई। मैंने विजय शर्मा से सवाल किया था, ये तो उनसे भी तेज निकले, 4 दिन में ईडी भेज दिया गया।
जब घर आए तो इनके पास सर्चिंग वारंट नहीं था, जब मैंने पूछा तो सर्चिंग वारंट लाए। विधानसभा न जाएं तो ज्यादा अच्छा है, यह कहा गया। 33 लाख रुपये मिला तो 3 लाख छोड़ दिए, बाकी पैसे ले गए। इनका उद्देश्य केवल एक ही है, भूपेश बघेल को रोकना और नुकसान पहुंचाना।
उन्होंने आगे कहा, “जांच इसलिए खींचते हैं ताकि बदनाम कर सकें। जब-जब मैं चुनाव को लेकर दूसरे राज्य गया, तब-तब मेरे यहां छापा पड़ा। उत्तर प्रदेश, असम, झारखंड इसके उदाहरण हैं, अब पंजाब गया तो छापा पड़ा।
कथित सीसी कांड को लेकर 7 साल लगे, कोर्ट ने बरी कर दिया। 5 साल से केवल जांच कर रहे हैं, बदनाम करना चाहते हैं। पता नहीं कब तक जांच करेंगे। बिरनपुर, महादेव सट्टा घोटाला जैसे कई मामले हैं, जांच चल रही है, लेकिन अभी तक बताया नहीं गया कि किस मामले में जांच कर रहे हैं।
भाजपा का पलटवार
वहीं, भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ईडी की कार्रवाई कानून के दायरे में हो रही है और अगर कुछ गलत नहीं किया तो डरने की जरूरत नहीं है।
ईडी की रेड पर सियासत तेज
बता दें कि ईडी ने मंगलवार सुबह भूपेश बघेल और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। फिलहाल जांच जारी है और इस पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है।

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