बिलासपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में अपनी तरह का नया घोटाला सामने आया है। आवास का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है और हितग्राहियों के बैंक खाते में पूरी राशि निकाल ली गई है,घोटाला फूटने के बाद जिला पंचायत के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है,पंचायत के अफसर अब हितग्राहियों से वसूली के लिए फाइल दौड़ाने लगे हैं,
मालूम हो कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवार के सदस्य जिनके पास खुद का मकान नहीं है उनको आशियाना उपलब्ध कराने के लिए इस योजना का लाभ दिया जाता है,केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत एक हितग्राही को आवास बनाने के लिए एक लाख 20 हजार स्र्पये दिए जाते हैं। मनरेगा के तहत मजदूरी के लिए 15 हजार स्र्पये नकद राशि देने का प्रावधान है,आवास बनाने वाले हितग्राहियों को तीन किस्त में राशि का भुगतान किया जाता है। जिले में 385 ऐसे हितग्राही हैं जिनका आवास पूरा नहीं हो पाया है और पूरी राशि बैंक खाते से निकाल ली गई है। इसकी जानकारी मिलने के बाद जिला पंचायत के अधिकारियों ने अब इनको चिन्हांकित करना शुरू कर दिया है। साथ ही आवास निर्माण का कार्य पूरा करने हिदायत दे रहे हैं। आवास निर्माण पूरा ना होने के कारण राशि वसूली के लिए नोटिस-नोटिस का खेल भी खेलेंगे…
इस योजना ने किया कबाड़ा बिलासपुर जिला पंचायत में पीएम आवास योजना के हितग्राहियों को मदद देने के लिए आवास मित्र योजना चलाई गई थी। आवास मित्रों के कामकाज को लेकर भारी गड़बड़ी भी सामने आई थी। हितग्राहियों को बगैर जानकारी निर्माण सामग्री मंगा लेना और बैंक से राशि का गुपचुप तरीके से आहरण की लगातार शिकायत मिल रही है। इन हितग्राहियों के मामले में भी आवास मित्रों की तरफ उंगली उठने लगी है. क्या है नियम पीएम आवास बनाने वाले हितग्राहियों को तीन किस्तों में राशि का आहरण किया जाता है। प्रथम चरण का कार्य पूरा होने के बाद निर्माण कार्य की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई जाती है। इसे जिया टैगिंग के जरिए केंद्र सरकार के पोर्टल में अपलोड किया जाता है। इसके बाद राशि हितग्राही के खाते में जमा कराई जाती है,दूसरे और अंतिम चरण में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है
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