नई दिल्ली। आयुष्मान भारत योजना के तहत देशभर में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। सरकार ने राज्यसभा में जानकारी दी कि योजना के तहत 562 करोड़ रुपये के 2.7 लाख से अधिक दावे फर्जी पाए गए हैं। इस फर्जीवाड़े में लिप्त पाए गए 1,114 अस्पतालों को पैनल से हटा दिया गया है, जबकि 549 अस्पतालों को निलंबित किया गया है।
जांच में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की राष्ट्रीय धोखाधड़ी विरोधी इकाई ने 6.50 करोड़ दावों की जांच के बाद यह खुलासा किया। इनमें से 2.7 लाख दावे फर्जी पाए गए, जिनकी कुल राशि 562 करोड़ रुपये से अधिक है। सरकार ने बताया कि राज्यों की स्वास्थ्य एजेंसियां नियमित रूप से डेस्क मेडिकल ऑडिट और फील्ड ऑडिट करती हैं, जिससे फर्जीवाड़े के मामलों का पर्दाफाश हुआ।
राज्यवार फर्जी दावों का विवरण
- उत्तर प्रदेश: 13.90 करोड़ रुपये के फर्जी दावे
- पंजाब: 2.87 करोड़ रुपये के फर्जी बिल
- उत्तराखंड: 1.57 करोड़ रुपये के फर्जी क्लेम
- मध्यप्रदेश: 11.93 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा
- छत्तीसगढ़: 12 करोड़ रुपये के फर्जी बिल पाए गए
आयुष्मान योजना के लाभार्थियों पर असर नहीं
सरकार ने स्पष्ट किया कि इस फर्जीवाड़े के बावजूद योजना के लाभार्थियों को कोई नुकसान नहीं होगा। आयुष्मान भारत योजना के तहत 12.37 करोड़ परिवारों के लगभग 55 करोड़ लाभार्थियों को हर साल 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जाता है। हाल ही में इस योजना में 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को वय वंदना कार्ड के तहत शामिल किया गया है।
धोखाधड़ी रोकने के लिए सख्त कदम
फर्जीवाड़े की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं। इसके तहत डेटा विश्लेषण, ऑडिट और निगरानी व्यवस्था को मजबूत किया गया है। साथ ही फर्जीवाड़े में लिप्त पाए गए अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है।
सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने स्तर पर भी नियमित ऑडिट और निगरानी सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों पर अंकुश लगाया जा सके।

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