सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर विवाद के बारे में लंबित याचिकाओं की मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश लंबित 75 याचिकाओं में से 22 याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने एमपी हाई कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगाई
बता दें, सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिए जाने पर वर्तमान में 75 याचिकाएं लंबित हैं। शुक्रवार, 7 फरवरी को 22 मामलों की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी लंबित 75 याचिकाओं की सुनवाई 14 फरवरी को करने का निर्देश दिया है।
क्या कहा वकील ने?

मामले में एडवोकेट रामेश्वर सिंह ने बताया कि सरकार की तरफ से जिन 9 याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए स्पेशल मेंशन करके आज लिस्ट कराई गई थी, उनपर सुप्रीम कोर्ट ने एमपी हाईकोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी है।
जानें SC ने क्या कहा
साथ हीं इसके अलावा सभी 75 याचिकाओं पर भी रोक लगाते हुए, समस्त प्रकरणों पर अगले हफ्ते शुक्रवार, 14 फरवरी को सुनवाई हेतु नियत किया है। उन्होंने कहा, इससे पहले मामल में 20 जनवरी को भी सुनवाई हुई थी, जिसे लागू रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में सुनवाई से यह रोक लगाई है।
OBC के अधिवक्ता का आरोप
पिछड़ा वर्ग पक्ष के अधिवक्ता रामेश्वर सिंह का आरोप है कि मध्य प्रदेश सरकार ओबीसी का 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करना नहीं चाहती है। उन्होंने कहा है कि जब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गंभीरता से सुनवाई शुरू की, तो सरकार ने ट्रांसफर याचिकाएं दायर करके हाईकोर्ट की सुनवाई पर रोक लगवाने का प्रयास किया।
इस मामले में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लगभग 75 ट्रांसफर याचिकाएं दायर की हैं, जिनमें से 9 याचिकाओं पर सुनवाई हुई है और नोटिस जारी किए गए हैं। यह मामला मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे से जुड़ा हुआ है, जिसमें सरकार की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

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