घायल हाथी की मौत: पेट में गहरे घाव, पैरों पर चोट; इलाज के लिए कुमकी हाथी भी बुलाए गए थे

राजेन्द्र देवांगन
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बीमार हाथी ने तोड़ा दम: पेट में गहरे घाव, पैरों में सूजन; इलाज के लिए कुमकी हाथी भी बुलाए गए थे

रायगढ़। छाल वन परिक्षेत्र में शुक्रवार को एक बीमार हाथी की मौत हो गई। लंबे समय से बीमार चल रहे इस हाथी का इलाज किया जा रहा था, लेकिन हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। वन विभाग ने उसके उपचार के लिए विशेष प्रयास किए थे, यहां तक कि अंबिकापुर से दो कुमकी हाथी भी बुलाए गए थे, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

इलाज के लिए लाया जा रहा था, अचानक बैठकर गिर पड़ा

जानकारी के अनुसार, छाल वन परिक्षेत्र के बेहरामार परिसर के कक्ष क्रमांक 572 आरएफ में यह हाथी पिछले कुछ दिनों से बीमार हालत में देखा जा रहा था। शुक्रवार सुबह वनकर्मी कुमकी हाथियों की मदद से उसे उपचार के लिए बनाए गए विशेष बाड़े तक लाने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान वह कुछ दूर चला, लेकिन अचानक बैठ गया और फिर दोबारा नहीं उठा। मौके पर मौजूद वनकर्मियों ने जब जांच की तो उसकी मौत हो चुकी थी। घटना की जानकारी वन विभाग के उच्चाधिकारियों को दी गई, जिसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।

शरीर पर कई घाव, पैरों में सूजन

वन विभाग के अनुसार, मृत हाथी के शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे और पैरों में सूजन थी। आशंका जताई जा रही है कि किसी अन्य नर हाथी के साथ संघर्ष में उसे गंभीर चोटें आई थीं। मकना (दांत रहित नर) हाथी होने के कारण वह खुद की रक्षा करने में सक्षम नहीं था, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई।

कोरबा से भटककर पहुंचा था छाल रेंज

जानकारी के मुताबिक, यह हाथी 2 जनवरी को कोरबा वन मंडल से भटककर छाल रेंज पहुंचा था। वन विभाग की टीम लगातार उसकी निगरानी कर रही थी और इलाज किया जा रहा था। उसे दवाएं देने के लिए गुड़ और केले का इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।

बेहतर उपचार के लिए बुलाए गए थे कुमकी हाथी

हाथी की बिगड़ती हालत को देखते हुए वन विभाग ने अंबिकापुर के रमकोला से दो कुमकी हाथी बुलवाए थे, ताकि उसे नियंत्रित कर सुरक्षित इलाज किया जा सके। लेकिन तब तक उसकी स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि उसे बचाया नहीं जा सका।

छाल वन परिक्षेत्र के रेंजर चंद्रविजय सिंह सिदार ने बताया कि हाथी का इलाज लगातार चल रहा था, लेकिन गंभीर चोटों के कारण उसकी हालत नहीं सुधर सकी। फिलहाल वन विभाग की टीम आगे की आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर रही है।

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