जगदलपुर जिले के हांदावाड़ा जंगल में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां बांस लेने गए पिता और पुत्र पर एक भालू ने अचानक हमला कर दिया। जब पिता वंजाराम नेताम (30) खुद को बचाने में असमर्थ थे, तो उनका पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाला बेटा दीपेंद्र नेताम अपनी जान की परवाह किए बिना भालू से भिड़ गया और पिता की जान बचाई। इस संघर्ष में दीपेंद्र भी गंभीर रूप से घायल हो गया।
भालू से भिड़ गया पांचवीं का छात्र
वंजाराम नेताम अपने बेटे दीपेंद्र के साथ हांदावाड़ा के जंगल में बांस लेने गए थे। जंगल में प्रवेश करते ही एक भालू ने वंजाराम पर हमला कर दिया। भालू के अचानक हमले से पिता की स्थिति बिगड़ने लगी। इस खतरे को देख दीपेंद्र ने बिना सोचे-समझे भालू से संघर्ष करना शुरू किया। उसने पास पड़े डंडे से भालू पर हमला किया, लेकिन भालू ने उसे भी घायल कर दिया। हालांकि, बेटे की बहादुरी से भालू ने अंततः वहां से भागना शुरू किया।
ग्रामीणों की मदद और अस्पताल में इलाज
उठने न दिया सिर से पिता का हाथ
घायल दीपेंद्र ने भालू से लड़ाई के बाद तुरंत ग्रामीणों को सूचित किया। सूचना मिलते ही संजीवनी 108 एंबुलेंस की टीम घटनास्थल पर पहुंची और बिना समय गवाए दोनों को अस्पताल पहुंचाया। वंजाराम नेताम को गंभीर चोटें आई थीं, जिनका इलाज जिला अस्पताल दंतेवाड़ा में किया गया।
पापा पर हमला होता देख, जान पर खेल गया बेटा
इस बहादुरी की मिसाल ने न केवल एक बेटे की वीरता को दिखाया, बल्कि पिता और पुत्र के बीच मजबूत रिश्ते को भी उजागर किया।