भोरमदेव अभ्यारण्य “रोड निर्माण पर लगा ग्रहण: वन विभाग ने काम रुकवाया” ग्रामीणों में आक्रोश

राजेन्द्र देवांगन
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छत्‍तीसगढ़ में विकास को लेकर सरकार अपने-अपने दावे कर रही है। किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सबसे बड़ा आयाम सड़क को माना जाता है, लेकिन सड़क ही न हो तो उस क्षेत्र के विकास की बहुत धीमा हो जाता है। कुछ ऐसा ही बयां कर रहा है कवर्धा जिले के चिल्फी से रेंगाखार का बहुप्रतीक्षित मार्ग।

जिसके निर्माण के लिए पिछले 6 सालों में दो बार शासन ने करोड़ों की मंजूरी दी, लेकिन दोनों बार निर्माण  नहीं हो सका। इस निर्माण कार्य को वन विभाग ने होने नहीं दिया है। इससे इलाके का विकास रुका हुआ है। क्षेत्र के लोगों को हर समय में रोड के अभाव में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

  • इस वजह से रोड का निर्माण रुका
  • दरअसल चिल्फी से रेंगाखार तक प्रस्तावित 27 किलोमीटर सड़क  का निर्माण कार्य को बंद हो गया है। निर्माण कार्य को किसी और ने नहीं बल्कि वन विभाग ने भोरमदेव अभयारण्य क्षेत्र होने से वन्यप्राणियों की सुरक्षा का हवाला देते हुए काम पर रोक लगा दी है। यह कहकर कि अभी हाई कोर्ट से इस पर स्टे लगा है। दो महीने पहले ही अक्टूबर 2024 में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस सड़क के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया था।
  • मंजूरी पर मिली थी 60 गांवों को खुशी

दरअसल चिल्फी से रेंगाखार तक करीब 27 किलोमीटर लंबी यह सड़क  पिछले कई सालों से खराब पड़ी है। यह सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी है। जहां हजारों गड्ढे हो गए हैं। इसे देखते हुए इस सड़क के नवीनीकरण के लिए लगभग 11 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे। 10 अक्टूबर 2024 को उपमुख्यमंत्री ने इसका भूमिपूजन किया था। जिसके बाद क्षेत्र के लगभग 60 से 70 गांव के लोगों में भारी उत्साह था, लेकिन टेंडर होकर जैसे ही काम शुरू हुआ, वन विभाग ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को सड़क बनाने से रोक दिया है।

निर्माण रोकने से ग्रामीणों में आक्रोश


ऐसे में क्षेत्र के ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और अब बैठक कर वन विभाग के इस कृत्य को लेकर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिकारी का कहना हैं कि उच्च अधिकारियों के निर्देशन पर कार्य रोक  दिया गया है। जैसे निर्देश प्राप्त होगा, निर्माण कार्य पुनः शुरू कर दिया जाएगा। ऐसे में अब देखना होगा कि 60 से 70 वनांचल गांव की इस बहुप्रतीक्षित मांग पर निर्माण पुनः कब शुरू किया जाता है, या फिर 7 साल पहले की तरह यह बहुप्रतीक्षित मार्ग ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

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