पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड, सड़क पर उतर आए आक्रोशित पत्रकार,, NH किया चक्काजाम

राजेन्द्र देवांगन
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बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है, जिसके विरोध में बीजापुर बंद का ऐलान किया गया है. इस घटना को लेकर पत्रकारों में काफी गुस्सा है और उन्होंने नेशनल हाईवे जाम कर अपना विरोध दर्ज कराया है.पत्रकारों ने मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही वे पुलिस अधीक्षक को निलंबित करने की मांग पर अड़े हैं.

हत्या मामले में बड़ा एक्शन
अब इस मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए संदिग्ध रितेश चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया है. देर रात पुलिस रितेश को लेकर चली गई और उसकी जीप भी जब्त कर ली गई।



इस हत्याकांड के विरोध में आज बीजापुर बंद की घोषणा की गई थी, जहां पत्रकारों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। पत्रकारों ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पुलिस अधीक्षक को निलंबित करने की मांग की है.

पुलिस को मिले थे अहम सुराग
बस्तर जंक्शन के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की तलाशी के दौरान आज पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले थे। इसके बाद, पुलिस ने बीजापुर के एक ठेकेदार के सेप्टिक टैंक की खुदाई कराई, जहां मुकेश चंद्राकर का शव मिला।

सेप्टिक टैंक में मिली लाश
प्रारंभिक जांच से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर ठेकेदार से उनका विवाद था, जिसके कारण मुकेश चंद्राकर लापता हुए थे और बाद में उनकी हत्या कर दी गई। बस्तर पुलिस इस मामले में जल्द ही विस्तार से जानकारी दे सकती है।

एडिश्नल एसपी के नेतृत्व में बनाई गई थी टीम

बीजापुर पुलिस ने मुकेश चंद्राकर की खोज के लिए एडिश्नल एसपी के नेतृत्व में एक टीम बनाई थी, जिसमें कई पुलिस अधिकारी शामिल थे और उन्हें अलग-अलग जगहों पर भेजा गया था। इसके साथ ही पुलिस ने आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन भी चलाया था। पुलिस मोबाइल लोकेशन के आधार पर भी जांच कर रही थी।

पुलिस ने आखिरी लोकेशन के आधार पर आसपास के क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया, जिसके बाद एक सेप्टिक टैंक में शव मिला। पुलिस ने शव की पहचान मुकेश चंद्राकर के रूप में की है और अब इस मामले में आगे की जांच जारी है।

भाई ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई
जानकारी के अनुसार, बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी की रात अचानक लापता हो गए। वे रात आठ बजे तक अपने घर में थे और सीसीटीवी फुटेज में भी रात 8 बजे तक उनकी उपस्थिति देखी गई, लेकिन उसके बाद से उनका कोई पता नहीं चल रहा था। इस बारे में उनके बड़े भाई युकेश चंद्राकर ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

मुकेश चंद्राकर, जो बस्तर और नक्सलवाद से जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग करते थे, ‘बस्तर जंक्शन’ नामक यूट्यूब चैनल के मालिक थे। वह अक्सर नक्सलियों के साथ उनकी बैठकों और जन अदालतों की रिपोर्टिंग करते हुए वीडियोज यूट्यूब पर अपलोड करते थे। उनका यह चैनल बहुत ही लोकप्रिय था।

मुकेश चंद्राकर का दावा था कि वह इस चैनल के माध्यम से बस्तर और बस्तरवासियों की सच्चाई को लोगों के सामने लाते थे। इसके अलावा, मुकेश चंद्राकर की एक और महत्वपूर्ण भूमिका तब उजागर हुई थी, जब उन्होंने नक्सलियों के कब्जे से एक जवान को मुक्त कराया था।

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