रायपुर, 01 जनवरी 2025:
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के विभिन्न नगर निगमों में प्रशासकों की नियुक्ति की है। नगरीय प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी करते हुए नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 20 के तहत यह कदम उठाया। नए प्रशासकों की जिम्मेदारी संबंधित जिलों के कलेक्टरों को सौंपी गई है, जो आगामी चुनाव तक नगर निगमों के संचालन का कार्यभार संभालेंगे।
प्रशासकों की नियुक्ति के बाद नगर निगम में महापौर, सभापति और जोन अध्यक्ष जैसे जनप्रतिनिधियों के पद प्रभावहीन हो गए हैं। इन पदाधिकारियों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, और अब निगम से जुड़े सभी प्रमुख निर्णय प्रशासक ही लेंगे।
जिन कलेक्टर्स को प्रशासक बनाया गया:
- रायपुर: रायपुर के कलेक्टर
- बिलासपुर, दुर्ग, रायगढ़, अंबिकापुर, बस्तर, कोरबा, धमतरी, राजनांदगांव और मनेंद्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी के लिए भी संबंधित जिलों के कलेक्टरों को प्रशासक नियुक्त किया गया है।
प्रशासक प्रणाली का उद्देश्य:
यह कदम नगर निगमों में प्रशासनिक कामकाज सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। रायपुर नगर निगम के पूर्व सभापति प्रमोद दुबे ने कहा कि यह व्यवस्था नई नहीं है। जैसे राज्य और केंद्र सरकारों का कार्यकाल समाप्त होने पर गर्वनर या राष्ट्रपति कार्यभार संभालते हैं, वैसे ही नगर निगमों में कार्यकाल समाप्त होने पर प्रशासक नियुक्त किए जाते हैं।
प्रशासकों की शक्तियां:
प्रशासकों को महापौर स्तर के सभी अधिकार दिए गए हैं। वहीं, जोन अध्यक्षों की शक्तियां अब नगर निगम आयुक्त के पास होंगी। प्रशासकों को नगर निगम से जुड़े सभी फैसले लेने की स्वतंत्रता होगी, जिससे प्रशासनिक कार्यों में सुगमता आएगी।
क्या होगा आगे?
प्रशासक नियुक्ति का अर्थ यह नहीं है कि नगर निगम के चुनाव नहीं होंगे। यह व्यवस्था जनप्रतिनिधियों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद लागू की जाती है, और आगामी चुनाव के बाद निगमों में नए प्रतिनिधि चुने जाएंगे। इससे पहले भी राज्य में कई बार प्रशासकों की नियुक्ति हो चुकी है।
इस नई व्यवस्था से राज्य के नगर निगमों में प्रशासनिक कार्य बेहतर ढंग से संचालित होने की उम्मीद है।
