छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र: धान खरीदी, शराब ऐप और कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरेगा विपक्ष, PSC और घोटालों पर गरमाएगा माहौल
छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। पांच दिनों तक चलने वाले इस सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस की संभावना है। सत्र के पहले दिन से ही विपक्ष आक्रामक तेवर में नजर आएगा। कानून व्यवस्था, धान खरीदी, मनपसंद शराब ऐप, और सरकारी नौकरियों में भर्ती जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी हो रही है।
विधायकों ने लगाए 900 से ज्यादा सवाल
विधायकों ने अब तक 900 से अधिक सवाल सत्र के लिए तैयार किए हैं। वहीं, विपक्ष ने भी लॉ एंड ऑर्डर, स्वास्थ्य व्यवस्था, छात्राओं की सुरक्षा, और सूखे नशे के कारोबार जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है।
मुख्य मुद्दे जो सदन में उठेंगे
1. कानून व्यवस्था:
प्रदेश में बढ़ती आपराधिक घटनाएं विपक्ष का प्रमुख मुद्दा होंगी। खासकर बलौदाबाजार हिंसा और अन्य आपराधिक घटनाओं को लेकर विपक्ष सरकार पर तीखे सवाल दाग सकता है।
2. धान खरीदी:
धान खरीदी किसानों के लिए एक अहम मुद्दा है। कांग्रेस ने पहले ही इस मुद्दे को लेकर प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया था, जिसकी गूंज अब सदन में सुनाई देगी।
3. स्वास्थ्य सेवाओं की खामियां:
दंतेवाड़ा अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान हुई लापरवाही, जिससे कई मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई, विपक्ष के प्रमुख एजेंडे में है।
4. छात्राओं की सुरक्षा:
सरकारी स्कूलों और छात्रावासों में बच्चियों के शोषण और दुर्व्यवहार के मामलों पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है।
5. शराब और नशे का कारोबार:
शराब के लिए मनपसंद ऐप लॉन्च और सूखे नशे के बढ़ते मामलों को लेकर सदन में हंगामे की संभावना है।
6. गौठानों की दुर्दशा:
अहिवारा के गौठान में गायों की भूख-प्यास से मौत का मामला भी सदन में उठाया जाएगा।
घोटालों पर सरकार और विपक्ष आमने-सामने
PSC, DMF और कोल परिवहन घोटाले जैसे मुद्दों पर विपक्ष कांग्रेस को घेरने की कोशिश करेगा। वहीं, महादेव सट्टा ऐप और पिछली सरकार के विवादित फैसलों को लेकर कांग्रेस भाजपा पर पलटवार कर सकती है।
विधेयक और सत्र की रणनीति
सरकार सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की तैयारी में है। कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि धान खरीदी का मुद्दा प्रमुख रहेगा, और उनकी पार्टी सदन से लेकर सड़क तक संघर्ष करेगी।
वहीं, भाजपा विधायक दल की बैठक में विपक्ष ने अपनी रणनीति तय की है। मंत्री टंकराम वर्मा ने विपक्ष पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार उनके हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है।
निष्कर्ष
शीतकालीन सत्र में धान खरीदी, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं और घोटाले जैसे बड़े मुद्दों पर गरमागरम बहस होने की उम्मीद है। दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक तय है, जिससे यह सत्र प्रदेश की राजनीति के लिए अहम साबित होगा।
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