DMF घोटाला: ED ने मनोज द्विवेदी को कोर्ट में पेश किया, फंड की हेराफेरी से 17.79 करोड़ कमाने का आरोप

राजेन्द्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ DMF घोटाला: ED की हिरासत में कारोबारी मनोज द्विवेदी, कोर्ट में पेशी आज

छत्तीसगढ़ के चर्चित DMF (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड) घोटाले में गिरफ्तार कारोबारी और NGO उदगम सेवा समिति के सचिव मनोज कुमार द्विवेदी को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा। इससे पहले गुरुवार को कोर्ट ने उन्हें चार दिन की प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिमांड पर भेजा था।

घोटाले में 17.79 करोड़ की हेराफेरी

ED की जांच में सामने आया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान मनोज द्विवेदी ने निलंबित IAS रानू साहू और अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर अपने NGO के नाम पर DMF फंड से कई ठेके हासिल किए। इन ठेकों को पाने के लिए उन्होंने टेंडर की राशि का 42% तक कमीशन अधिकारियों को दिया।

मनोज ने इस घोटाले से 17.79 करोड़ रुपये का गबन किया, जिसमें से 6.57 करोड़ रुपये उन्होंने अपने पास रखे और बाकी रकम रिश्वत के रूप में अधिकारियों को दी।

ED की कार्रवाई और जब्ती

जांच के दौरान ED ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर 2.32 करोड़ रुपये नकद, बैंक बैलेंस, आभूषण, और डिजिटल दस्तावेज जब्त किए हैं। इस मामले में पहले ही निलंबित IAS रानू साहू और राज्य सेवा अधिकारी माया वारियर को गिरफ्तार किया जा चुका है।

IAS रानू साहू के लिंक की जांच

ED ने पाया है कि DMF फंड से ठेके लेने और गबन करने में रानू साहू की बड़ी भूमिका थी। यह भी सामने आया कि टेंडर भरने वालों से अवैध लाभ पहुंचाने के लिए 40% तक कमीशन लिया गया। जांच रिपोर्ट के अनुसार, इस साजिश में कई अन्य अधिकारी और बिचौलिये शामिल हैं।

CGPSC घोटाले से मिलता-जुलता पैटर्न

DMF घोटाले और CGPSC भर्ती गड़बड़ी मामलों में लेन-देन का पैटर्न काफी समान है। DMF घोटाले में जहां मनोज की संस्था को सरकारी फंड मिला और कमीशन अधिकारियों तक पहुंचा, वहीं CGPSC में IAS टामन सोनवानी की पत्नी की संस्था को पैसे देकर सरकारी पद दिलाने का आरोप है। दोनों मामलों में रिश्वतखोरी और पद के दुरुपयोग के पुख्ता सबूत मिले हैं।

क्या है DMF घोटाला?

DMF फंड जिलों में खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास और जनकल्याण के लिए बनाया गया था। ED की रिपोर्ट के अनुसार, कोरबा जिले में टेंडर आवंटन में बड़ी आर्थिक अनियमितताएं की गईं। सरकारी अधिकारियों ने प्राइवेट कंपनियों और बिचौलियों से मिलकर 40% तक कमीशन लिया।

IAS रानू साहू की कोर्ट में पेशी

इस मामले में पहले गिरफ्तार हुई IAS रानू साहू कोर्ट में पेशी के दौरान भावुक हो गईं। उन्होंने कहा, “मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है, लेकिन मैं स्ट्रॉन्ग हूं।” कोर्ट ने ED को उनसे पांच दिन तक पूछताछ की अनुमति दी है।

यह घोटाला छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की जड़ें उजागर करता है। ED की जांच जारी है और जल्द ही और खुलासे होने की संभावना है।

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