मालगाड़ी हादसा: 48 घंटे बाद क्लियर हुई अप लाइन डाउन लाइन से गुजरती रहीं सभी ट्रेनें

राजेन्द्र देवांगन
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बिलासपुर-कटनी रेलमार्ग पर मालगाड़ी दुर्घटना के 48 घंटे बाद खोगसरा- भनवारटंक सेक्शन की अप एवं डाउन लाइन क्लियर हो सकी है। हालांकि हादसे के 30 घंटे बाद डाउन लाइन पर यातायात शुरू कर दिया गया था।

लगभग 18 घंटे इस सेक्शन में ट्रेन डाउन लाइन पर ही चलती रही।.इससे ट्रेन की पासिंग में दिक्कत आई। इसके बाद गुरुवार को दिन में 11 बजे अप लाइन भी क्लियर कर दी गई। कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी बीके मिश्रा शुक्रवार को मौके का निरीक्षण करने पहुंच सकते हैं। हादसे की मूल वजह अफसर जान चुके हैं, लेकिन अभी वे स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। सीआरएस जांच में सबकुछ सामने आने की संभावना है।

उल्लेखनीय है कि खोगसरा- भनवारटंक सेक्शन में मंगलवार को दिन में 11 बजे कोरबा से कोयला लेकर राजस्थान जा रही लांग हाल मालगाड़ी के 22 वैगन भनवारटंक रेलवे स्टेशन पहुंचने से महज 20 या 30 मीटर पहले बेपटरी हो गए थे। वैगनों में लोड कोयला यहां-वहां बिखर गया था।कोयला डाउन लाइन में डंप हो गया था।

लगभग 1200 टन कोयला हटाने में रेलवे प्रशासन को 20 घंटे से भी ज्यादा समय लगा। इसके बाद डाउन लाइन को सुधारने में 10 घंटे लगे, तब जाकर 30 घंटे बाद डाउन लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू की जा सकी। वहीं अप लाइन, जिस पर लांग हाल चल रही थी, उसे सुधारने में 18 घंटे और लगे।

यानी, अप लाइन हादसे के 48 घंटे बाद शुरू हाे सकी।सीआरएस भनवारटंक पहुंचे, 6 घंटे तक अलग-अलग एंगल से की जांचकमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी बीके मिश्रा गुरुवार को दिन में 11 बजे भनवारटंक पहुंचे। उनके मौके पर पहुंचने से पहले ही अप लाइन को भी फिट दे दिया जा चुका था। अप एवं डाउन लाइन दोनों ही व्यवस्थित कर दिए गए थे। साढ़े 6 घंटे तक सीआरएस ट्रैक व उसके आसपास का बारीकी से निरीक्षण करते रहे।इस दौरान डीआरएम सहित अन्य अफसर मौके पर मौजूद थे। सीआरएस शुक्रवार को डीआरएम कार्यालय में दुर्घटना के संबंध में दस्तावेज व अन्य जानकारियां जुटाएंगे।

सीआरएस बीके मिश्रा जब दुर्घटना स्थल पर पहुंचे, तो वहां पर उन्हें बेपटरी हुई मालगाड़ी के डैमेज वैगन, उसके बिखरे हुए अवशेष और कोयले के ढेर नजर आए।जिस जगह से मालगाड़ी बेपटरी हुई थी, वहां से उन्होंने पटरियों की जांच शुरू की। लगभग 100 मीटर तक वे परीक्षण करते गए। हालांकि, वहां पर पुराना कुछ भी नहीं था, सब कुछ नया हो चुका था। पटरियों से लेकर स्लीपर व अन्य सभी तरह के पार्ट्स बदले जा चुके थे।सीआरएस ने अफसरों से सभी तरह की जानकारियां लीं। जो वैगन पलटे थे, उन्हें गौर से देखा। बारीकी से उनकी जांच की। फिलहाल मौके पर किसी भी तरह की टिप्पणी उन्होंने नहीं की।

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