रायपुर AIIMS में लड़के-लड़कियों को कमरे में बंदकर रैगिंग की गई।छत्तीसगढ़ के रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के बाद अब AIIMS में जूनियर स्टूडेंट्स से रैगिंग की गई है। आरोप है कि, रात 12 बजे से MBBS-2023 बैच के जूनियर स्टूडेंट्स (लड़के-लड़कियों) को बंद कमरे में बुलाया गया।
अंदर से खिड़की दरवाजे, पंखे बंद.इसके बाद भी मन नहीं भरा तो आरोपी सीनियर्स स्टूडेंट रात 2 बजे जूनियर्स को बास्केट ग्राउंड में लेकर गए। उन्हें कड़ाके की ठंड में टी-शर्ट में ही खड़ा कराया। वहां मौजूद एम्स के प्राइवेट सिक्योरिटी गॉर्डस भी यह सब देख रहे थे। करीब साढ़े 3 बजे रात को स्टूडेंट्स को वापस जाने दिया गया।मीरा कौर पटेल ने ही पूरे मामले को वीडियो के माध्यम से बतलाया।
सुप्रीम कोर्ट की वकील के पास आया मेल इसका खुलासा तब हुआ जब रैगिंग से तंग आकर एक पीड़ित स्टूडेंट ने सुप्रीम कोर्ट की वकील और SAVE NGO (सोसाइटी अगेंस्ट वॉयलेंस इन एजुकेशन) की लीगल हेड मीरा कौर पटेल को ई-मेल पर शिकायत भेजी। मीरा ने वीडियो के जरिए बताया कि, उनके पास किसी अज्ञात स्टूडेंट का ई-मेल आया।
जिसमें बताया गया कि, 15-16 नवंबर 2024 की रात AIIMS में सामूहिक रैगिंग की गई है।एक पीड़ित स्टूडेंट ने मेल भेजकर लिखित में NGO को शिकायत दी है।कड़ाके की ठंड में बास्केटबॉल ग्राउंड में खड़ा कराया, देखते रहे गार्ड्स वकील मीरा ने बताया कि, रात करीब 2 बजे सभी स्टूडेंट को बास्केटबॉल ग्राउंड पर लाया गया, कड़ाके की ठंड में उन्हें टी-शर्ट पहनाकर खड़ा किया गया। ये फेस्ट की टी शर्ट थी। इस दौरान सभी के फोन टेबल पर रखवा दिए गए थे।
उसके बाद गालियां और धमकियां दी गई। इस दौरान एम्स की महिला और पुरुष सिक्योरिटी गार्ड्स चुपचाप खड़े होकर सब कुछ देखते रहे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया।चेहरे के बाल को ट्रिमर से काटने की धमकी बताया जा रहा है कि, ट्रिमर से जूनियर स्टूडेंट को चेहरे के बाल काटने की धमकी दी गई। उन्हें सेविंग कराने के लिए कहा गया। रात करीब 3:30 तक यह सब चलता रहा। उसके बाद उन्हें वापस जाने के अनुमति दी गई। ई-मेल के मुताबिक, पीड़ित स्टूडेंट्स ने बताया कि, इस घटना के बाद कई लोग बुरी तरह मानसिक रूप से प्रताड़ित हैं। इस ई-मेल में कुछ स्टूडेंट्स को जिम्मेदार भी ठहराया गया है।
मीरा ने कहा कि रैगिंग एक अपराध है। रायपुर एम्स में जो घटित हुआ उसमें कई स्टूडेंट की जान को भी खतरा था। (फाइल फोटो)वकील ने कहा-रायपुर AIIMS प्रबंधन मामले में गंभीर नहीं वकील मीरा ने कहा कि, रैगिंग का अपराध गंभीर मामलों की श्रेणी में आता है। रायपुर एम्स में जो घटित हुआ उसमें कई स्टूडेंट की जान को भी खतरा था।
जो बीएनएस कानूनों के अपराधों में आता है। इस ईमेल को देखकर लग रहा है कि एम्स प्रबंधन ने मामले को बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं लिया है। इससे और ज्यादा चांसेस है कि रैगिंग बढ़ेगी। पीड़ित ने एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में भी शिकायत की है।24 घंटे के भीतर करनी होती है FIRमीरा ने कहा कि, रैगिंग एक संज्ञेय अपराध है।
जिसमें वारंट के बिना पुलिस गिरफ्तारी कर सकती हैं। इसके अलावा इस मामले में एम्स प्रबंधन को 24 घंटे के भीतर FIR करानी चाहिए थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। हमें जानकारी है कि एम्स रायपुर प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया है। जो यूजीसी के नियमों के खिलाफ है।मीरा ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर AIIMS प्रबंधन नियम मुताबिक, ऐसा नहीं करते तो एम्स के डायरेक्टर के खिलाफ भी बीएनएस की 211 और 239 के अंतर्गत शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।
वहीं एम्स प्रबंधन से इस मामले में भास्कर की टीम ने बात करना चाहा लेकिन उनसे कॉन्टैक्ट नहीं हो पाया।जिस रात ये रैगिंग की बात सामने आ रही है। इन दिनों रायपुर एम्स में ओरियाना फेस्ट चल रहा था।14 से 17 नवंबर तक चला ओरियाना फेस्टबता दें कि, जिस रात यह रैगिंग हुई। उस समय रायपुर एम्स में ओरियाना फेस्ट चल रहा था। कार्यक्रम 14 से लेकर 17 नवंबर तक चला। इस दौरान डीजे, लाइव कॉन्सर्ट समेत कई अलग-अलग तरह के प्रोग्राम हुए। इन कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान AIIMS के भीतर बाहर के कई स्टूडेंट भी पार्टिसिपेट करने पहुंचे थे ।
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