भूपेश सरकार के अभूतपूर्व निर्णय से स्थानीय युवा बेरोजगारों को मिलेगा लाभ!
30-दिसंबर,2020
बिलासपुर-{सवितर्क न्यूज़}
राज्य की भूपेश सरकार के ज़ेरे सदारत में नगरनार स्टील प्लांट को चलाये जाने का निर्णय साहसिक कदम, प्रदेश सहित बस्तर भी विकास और उन्नति के क्षेत्र में रचेगा इतिहास जगदलपुर-नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ राज्य सरकार विधानसभा में शासकीय संकल्प लेकर आई,जिसे विनिवेश की स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार नगरनार इस्पात संयंत्र खरीदेगी,जिसे सदन में शासकीय संकल्प सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस साहसिक कदम का स्वागत करते हुए युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव जावेद मेमन अमितेश राय गोपाल दुबे विनय वैधे शेरू असलम रिजवान खान वसीम खान ऋषि कश्यप अयाज खान राजू यादव वकार खान राज यादव ने बताया कि बस्तर के आदिवासियों ने सार्वजनिक उपक्रम के लिए अपनी जमीनें दी हैं। परिसंपत्तियों को बेचने का काम केंद्र सरकार कर रही है,जो कि न्याय संगत नहीं बीते 2 सालों में राज्य की भूपेश सरकार बस्तर के आदिवासियों का विश्वास जीतने का कार्य कर रही है चाहे जमीन लौटाने की बात हो,चाहे तेंदूपत्ता बोनस देने की बात हो, चाहे नौकरी देने की बात हो यही वजह है कि बस्तर में नक्सली पॉकेट में सिमट गए हैं। भाजपा के लोग उगल नहीं पा रहे हैं कि यह बस्तर के आदिवासियों के साथ हैं या केंद्र सरकार के साथ। जावेद मेमन ने कहा कि नगरनार इस्पात संयंत्र राज्य सरकार चलाएगी इसे निजी हाथों में नहीं दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ के बस्तर में यह संयंत्र अभी शुरू भी नहीं हुआ और केंद्र सरकार ने इसके विनिवेश को मंजूरी दी है।
बस्तर के बैलाडीला का बड़ा हिस्सा आयरन ओर से भरा है यहां से आयरन ओर का उत्खनन होता है,जिससे देश के कई उद्योग चलते हैं बस्तर सहित छत्तीसगढ़ की मांग है कि स्थानीय स्तर पर यह संयंत्र लगे जिसका फायदा राज्य के लोगों को ही मिले एनएमडीसी ने नगरनार में बीस हजार करोड़ रुपये का संयंत्र लगाया तब उम्मीद थी कि राज्य को इसका फायदा अवश्य होगा लेकिन केंद्र सरकार ने किन उद्देश्यों के लिए इसका विनिवेश किया यह समझ से परे है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरदर्शिता ने राज्य की खुशहाली समृद्धि और उन्नति के लिए जो ठोस व क्रांतिकारी कदम उठाया हैं वह निश्चित ही आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा।युवा कांग्रेसियों का यह भी कहना है कि बस्तर के युवाओं का सपना था कि वहां नगरनार इस्पात संयंत्र बनेगा यह सपना आज समाप्त होने के कगार पर है संयंत्र लगने से पहले ही से बेचने की तैयारी की जा रही है। यह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है। इसमें केंद्र सरकार का एक भी पैसा नहीं लगा है डी-मर्जर के इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की दी गई मंजूरी से बस्तर के लाखों आदिवासियों की उम्मीदें पर गहरा धक्का लगेगा। छत्तीसगढ़ इस बात से उत्साहित था कि राज्य के संसाधन से राज्य के लोगों का विकास होगा लेकिन केंद्र की नियत से साफ जाहिर है कि चंद उद्योग पतियों को लाभ पहुंचाने के लिए मोदी सरकार किसी भी स्तर तक जा सकती है मगर हम जानते हैं। राज्य की भूपेश सरकार राज्य सहित बस्तर के अहित नही होने देगी। और बस्तर की जनता और युवाओं के लिए राज्य सरकार नगरनार इस्पात संयंत्र को बचाने के लिए पूरी मेहनत करेगी
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