बिलासपुर। रायपुर में सोमवार की दोपहर सड़क से सदन तक बेरोजगारी का मुद्दा गर्म रहा। धरनास्थल के पास विद्या मितानों (अनियमित शिक्षक) ने रैली निकाल कर नारेबाजी की। दूसरी तरफ विपक्ष ने शिक्षकों की भर्ती और विद्या मितानों के काम को लेकर सवाल उठाए। सरकार से तीखी बहस के बाद विपक्ष सदन से बाहर चला गया। दूसरी तरफ धरनास्थल के पास रोजगार और नियमितिकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे विद्या मितानों और पुलिस के बीच झूमाझटकी हुई।
सदन में सोमवार को विद्या मितानों का मामला जमकर उछला सदन में पूर्व मंत्री व मस्तूरी विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने विद्या मितानों का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि विद्या मितानिनों को अतिथि शिक्षक के रूप में रखा गया है कि नहीं? यदि हां तो पिछले इस वित्तीय वर्ष में कितने विद्या मितानों को अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति दी गई है?
विद्या मितानिनों ने किया विधानसभा का घेराव
सोमवार को विद्या मितानों ने विधानसभा का घेराव करने का एलान कर दिया। शिक्षाकर्मी नेता केदार जैन भी इन्हें समर्थन देने धरनास्थल पहुंचे। नारेबाजी करते हुए विद्या मितान रैली की शक्ल में रवाना हुए। मगर कुछ ही दूरी पर पुलिस ने इनका रास्ता रोक लिया। विद्या मितान बैरिकेडिंग पार करने की कोशिश में थे। काफी देर तक धक्का-मुक्की होती रही फिर सड़क पर ही प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गए।मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जवाब में कहा कि वर्ष 2019 में 1832 विद्या मितानशाला में नियमित शिक्षकों की व्यवस्था होने तक, अतिथि शिक्षकों के रूप में कार्य करने का आदेश जारी किया गया है। उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई है। प्रदेश में 14580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। विपक्षी सदस्य ने मंत्री को घेरते हुए कहा कि जब आपने इनसे वादा किया है तो इसे पूरा करने में लेटलतीफी क्यों की जा रही है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने विद्या मितानों के 2 माह से धरने पर बैठे होने की जानकारी दी। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा सदस्यों और जनता कांग्रेस से धर्मजीत सिंह ने सदन से वॉकआउट किया।
विद्या मितानिन मुद्दे पर शिक्षाकर्मी नेताओं ने दिया समर्थन
बीते 60 दिनों से प्रदेश के विद्या मितान रायपुर के बूढ़ापारा स्थित धरनास्थल पर धरना दे रहे हैं। उनकी मांग है कि उन्हें नियमित शिक्षक की तरह नौकरी दी जाए। लंबे वक्त से स्कूल बंद होने की वजह से ये अनियमित शिक्षक बेरोजगार हैं। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव के वक्त इनसे नियमितिकरण का वादा भी किया था।