सौम्या चौरसिया पूर्व CM भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी भी रह चुकी हैं।
छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले केस में आरोपी पूर्व सीएम की डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया को आय से अधिक संपत्ति के मामले में ACB की रिमांड खत्म हो गई है। एसीबी ने सौम्या से 10 दिनों तक पूछताछ की।
जिसके बाद उन्हें रायपुर के ACB/EOD की स्पेशल कोर्ट में पेश कि.इसके अलावा सोमवार को कस्टम मिलिंग घोटाले मामले में भी गिरफ्तार मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी और कारोबारी रोशन चंद्राकर को EOW ने कोर्ट में पेश किया है। EOD को 15 दिन की पूछताछ के लिए रिमांड मिली थी।
बताया जा रहा है कि EOD ने रिमांड बढ़ाने की अनुमति नही मांगी है। इसके अलावा EOW ने आबकारी घोटाले मामले में पूरक चालान भी पेश किया है। ये चालान 2000 से ज्यादा पन्नो का है। सौम्या पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप दरअसल, 2 जुलाई 2024 में को निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू और समीर विश्नोई के साथ-साथ राज्य सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया के खिलाफ 3 नई FIR दर्ज की थी।
सौम्या पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। ACB की टीम ने इसी केस में पूछताछ किया।मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने किया गिरफ्तार पिछली कांग्रेस सरकार में ताकतवर और प्रभावशाली अफसर रहीं सौम्या चौरसिया पूर्व CM भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी भी रह चुकी हैं।
उन्हें कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे सेंट्रल जेल रायपुर में बंद हैं। हालांकि कोयला घोटाला मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।सौम्या चौरसिया पर क्या है आरोप ?छत्तीसगढ़ में कथित कोयला घोटाले में 500 करोड़ रुपए की अवैध उगाही को लेकर जांच शुरू की थी, जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था।
वसूली के लिए नियमों में बदलाव किया गया था। इस लेवी से हासिल राशि से चल-अचल संपत्तियां अर्जित की गईं, जिनमें कई बेनामी भी हैं।एजेंसी इस मामले में सूर्यकांत तिवारी, कोल वॉशरी संचालक सुनील अग्रवाल, IAS समीर बिश्नोई, IAS रानू साहू, सौम्या चौरसिया समेत अन्य को अलग-अलग तारीखों पर गिरफ्तार किया था। आरोप है कि ये स्कैम करीब 500 करोड़ रुपए का था।
मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी कोर्ट में पेशमार्कफेड के पूर्व MD मनोज सोनीक्या है कस्टम मिलिंग घोटाला?ED ने कस्टम मिलिंग स्कैम में मार्कफेड के पूर्व MD मनोज सोनी सहित 5 पर FIR दर्ज कराई है। आरोप है कि 140 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई। इसमें अफसरों से लेकर मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी तक शामिल हैं।
अलग-अलग राइस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम और एफसीआई में कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है। इस प्रकिया में भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई। जांच में पता चला है कि एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर लेवी वसूलते और अफसरों को जानकारी देते। जिनसे रुपए नहीं मिलते उनका भुगतान रोक दिया जाता।अक्टूबर 2023 को छापा मारा था ED की टीम ने20 अक्टूबर 2023 को ED ने छापा मारा था। ED ने अपने ऑफिशियल X अकाउंट पर लिखा कि, 20-21 अक्टूबर को मार्कफेड के पूर्व MD, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स संगठन के कोषाध्यक्ष और कुछ सदस्यों, राइस मिलर्स और कस्टम मिलिंग से जुड़े लोगों के घर पर जांच की गई।
चावल घोटाले से जुड़ी इस जांच में कई संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 1 करोड़ 6 लाख कैश मिला। ED ने इनकम टैक्स की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की। इस जांच के बाद ED की स्थानीय टीम ने प्रतिवेदन दिया और उसके बाद एफआईआर हुई।
फोर्टिफाइड राइस के भुगतान पर भी वसूली का आरोपराइस मिलर्स ने फोर्टिफाइड राइस का भुगतान करने पर पैसे मांगने का आरोप लगाया था। उनके अनुसार, केंद्र सरकार ने PDS के जरिए गरीबों को दिए जाने वाले अनाज की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए फोर्टिफाइड राइस की मात्रा बढ़ाने का आदेश दिया था।
सरकार के आदेश के मुताबिक, FCI और नागरिक आपूर्ति निगम में जमा होने वाले चावल में एक प्रतिशत फोर्टिफाइड राइस कर्नेल होना चाहिए। 99 किलो सामान्य चावल का पैमाना तय किया गया था। आरोप है कि इसमें कमीशनखोरी और घूसखोरी का खेल चला ।

