तमिलनाडु में सिनेमाहाल के बाहर पेट्रोल बम फेंका गया
पुलिस ने कहा, ‘‘दो बदमाशों ने मेलपलायम में सिनेमा परिसर की दीवार के अंदर पेट्रोल बम फेंके। इससे विस्फोट हुआ। हालांकि, कोई घायल नहीं हुआ और इससे संपत्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ।’’ घटना की कड़ी निंदा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने आरोप लगाया कि “एसडीपीआई, एमएनएमके, तौहीद जमात जैसे इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों ने पहले मेजर मुकुंद वरदराजन की जीवनी ‘अमरण’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, जिन्हें आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान उनकी वीरता के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।
मुसलमानों को आतंकी दिखाया, यह सच नहीं
विरोध करने वालों का कहना था कि इसमें मुसलमानों को आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है, जो सच नहीं है।’’ तिरुपति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, फिल्म में कई दृश्यों में भारतीय मुसलमानों को शहीद और देशभक्त के रूप में दिखाया गया है। ‘‘लेकिन फिल्म में कश्मीर में हुई आतंकवादी गतिविधियों को दिखाने की बात बर्दाश्त नहीं होने के कारण कट्टरपंथी संगठनों ने फिल्म के प्रदर्शन के खिलाफ धमकी दी।’’ उन्होंने कहा कि हालांकि तमिलनाडु के लोगों ने फिल्म का स्वागत किया और इसे बड़ी सफलता दिलायी। नारायणन ने कहा कि इसे पचा पाने में असमर्थ कट्टरपंथी संगठनों ने आज हिंसा का सहारा लिया और उस सिनेमाघर के बाहर पेट्रोल बम फेंके, जहां फिल्म ‘अमरण’ प्रदर्शित की जा रही थी।
थिएटर मालिक से मिलने गए लोग हिरासत में लिए गए
हिन्दू मुन्नानि के एक नेता के अनुसार, संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष वी पी जयकुमार के नेतृत्व में कुछ सदस्य कथित तौर पर थिएटर मालिक को सांत्वना देने के लिए थिएटर गए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘‘हमें सिनेमा हॉल के प्रवेश द्वार पर रोक दिया गया।
पुलिस ने हमें अंदर जाने से रोका और दावा किया कि हम विरोध करने के लिए एकत्र हुए हैं लेकिन हमने स्पष्ट किया कि हम केवल पीड़ित थिएटर मालिक को सांत्वना देने के लिए वहां आये हैं।’’ जयकुमार की पुलिस के साथ बहस हुई। उन्होंने बाद में कहा कि उनकी पार्टी के सदस्य विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्र नहीं हुए थे। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने हमें सिनेमा हॉल के पास एकत्र हुए मीडियाकर्मियों से मिलने से भी रोक दिया।’’
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