12 नवंबर की शाम पीड़िता एमवीवीएस लक्ष्मी ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने उसी समय साइबर थाने को सूचना दे दी। साइबर थाने ने तुरंत तहकीकात शुरू की। सबसे पहले ये चेक किया गया कि ठगों ने पीड़िता बुजुर्ग के 58 लाख कौन से खाते में पैसे जमा करवाए।
बैंक का रिकाॅर्ड खंगालने पर पता चला ठगों ने केवल 2 घंटों के भीतर ही पूरे पैसे 12 राज्यों के दस बैंकों में ट्रांसफर कर दिए। पुलिस ने जब उन बैंकों से संपर्क किया तो पता चला कुछ ही मिनटों में पैसे दूसरे राज्य के अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर हो गए। पुलिस की टीम ने हर खाते काे ट्रैक किया।
तब राजनांदगांव के ट्रांजेक्शन का पता चला।दरअसल, ठगों ने पैसों को 20 हिस्सों में बांटकर उनका ट्रांजेक्शन अलग-अलग बैंकों में किया। 9 लाख पचास हजार दिल्ली, इतनी ही रकम पंजाब और आंध्र के बैंकों में ट्रांसफर की। बाकी दो-दो लाख, तीन-तीन लाख अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए। किसी भी बैंक में आधे घंटे से ज्यादा पैसे जमा नहीं रहे, उसे निकालकर दूसरे राज्य के बैंक में ट्रांसफर कर दिया।
58 लाख को पांच-पांच बैंक में ट्रांसफर करने के बाद निकाला गया। उन्हीं पैसों की साढ़े 9 लाख की किश्त राजनांदगांव में निकाली गई। यहां से पुलिस पहुंची और जसविंदर को पकड़ लिया गया।जसविंदर का बेटा है हरनीत सिंह , जो ठग गैंग का लीडर पुलिस को अब तक की पड़ताल में पता चला है कि राजनांदगांव से पकड़ा गया जसविंदर का बेटा हरनीत सिंह गैंग का लीडर है।
वही दिल्ली से ठगों का गैंग ऑपरेट कर रहा है। उसके साथ दिल्ली, आंध्र प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के ठग हैं। सभी ने अपने अपने राज्यों में ऐसे खातों की व्यवस्था कर रखी है, जिसमें ठगी के पैसों का ट्रांजेक्शन किया जाता है। ये क्लू भी मिला है कि ये गैंग लगभग हर राज्य में ठगी कर चुका है।वॉट्सएप कॉल का पता लगाने अमेरिका से संपर्क डिजिटल अरेस्ट केस को सुलझाने साइबर सेल और क्राइम ब्रांच की टीम ने बैंकों के खाते खंगालने के साथ ही अमेरिका तक संपर्क कर लिया। वाट्सएप का मुख्यालय चूंकि अमेरिका में है, इसलिए वहां मेल कर जानकारी ली गई कि विक्रम सिंह नाम के ठग ने कहां से वीडियो कॉल किया है।
क्राइम ब्रांच के डीएसपी संजय सिंह ने बताया कि वाट्सएप कॉल कंबोडिया से करने का इनपुट मिला है। इससे ये अनुमान है कि ये कॉल विदेश से किया गया है हालांकि अभी वर्चुअल प्रॉक्सी नेटवर्क का उपयोग करते हैं।ये है शातिर विक्रम सिंह…यही क्राइम ब्रांच व सीबीआई अफसर बनकर कर रहा ठगीये तस्वीर विक्रम सिंह की है, जिसने एमवीवीएस लक्ष्मी को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर वीडियो कॉल किया था।
साइबर सेल के अफसरों के अनुसार विक्रम सिंह कई राज्यों में इसी तरह पुलिस की वर्दी में कॉल कर रहा है। ये कभी सीबीआई अफसर बन जाता है। ये किसी भी तरह की मनगढ़ंत कहानी बनाने में माहिर है, जिससे लोग डर जाते हैं।विक्रम सिंह जब कॉल करता है तो पीछे पुलिस थाने के कमरे का पूरा सेटअप दिखाई देता है। उसमें टेबल-कुर्सी, महापुरुषों की तस्वीरें, पुलिस का लोगो वाला चित्र के अलावा आलमारी व फाइलें ऐसी रखी जाती हैं, जिससे वीडियो कॉल में ऐसा लगता है जैसे वहां थाना चल रहा है।
इसलिए लोग झांसे में आ जाते हैं।महिला को डिजिटल अरेस्ट करने वाले दिल्ली के ठग गैंग का सदस्य राजनांदगांव से गिरफ्तार राजधानी के पंडरी की बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 58 लाख की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश हो गया है। साइबर सेल ने रिपोर्ट दर्ज करने के 24 घंटे के भीतर दिल्ली के ठग गैंग के सदस्य जसविंदर सिंह (58) को राजनांदगांव से गिरफ्तार किया। उससे साढ़े नौ लाख जब्त किए गए हैं। गिरोह के सदस्य राजनांदगांव के बैंक से पैसे निकाले थे।
पुलिस को बैंक के ट्रांजेक्शन से गैंग का क्लू मिला। ये गैंग मुंबई क्राइम ब्रांच के नाम से कॉल कर लोगों को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर पैसे वसूलता है। पीड़ित महिला एमवीएसएस लक्ष्मी से ठगे गए बाकी पैसे अलग-अलग राज्यों की बैंकों से निकाले गए हैं।
हालांकि उनके बारे में जानकारी नहीं मिली है।वहीं, आरोपी जसविंदर से पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि जसविंदर का बेटा भी गैंग का सदस्य है। उसी ने पिता को गैंग में शामिल किया और उनके खाते में ठगी के पैसे ट्रांसफर करवाए हैं। इस क्लू के आधार पर पुलिस दिल्ली में छापेमारी करेगी।
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