केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडवीया पहुंचे जशपुर: 7 किलोमीटर की पदयात्रा में हो रहे शामिल, CM साय समेत 10000 यूथ वालंटियर जुटे

राजेन्द्र देवांगन
3 Min Read

बुधवार को छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया पहुंचे। वो यहां पदयात्रा करेंगे।

छत्तीसगढ़ जनजातीय गौरव दिवस पर ये आयोजन होगा। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती किया गया है।

10,000 से ज्यादा माय भारत यूथ वॉलंटियर्स इस पदयात्रा में शामिल.केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल-श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की ये पदयात्रा जशपुर में निकाली जा रही।

इस पदयात्रा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ उपमुख्यमंत्री अरुण साव, मंत्री रामविचार नेताम, ओपी चौधरी मंच पर नजर आए।7 किलोमीटर की होगी पद यात्रा इस विशेष कार्यक्रम में आदिवासी विरासत को याद किया जाएगा।

आदिवासी समुदायों को लाभ पहुंचाने वाली सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए वॉलंटियर्स भी होंगे। पदयात्रा कोमोडो गांव से शुरू होगी और लगभग 7 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए रणजीत स्टेडियम में समाप्त होगी।ऐसा होगा कार्यक्रमइस कार्यक्रम की शुरुआत भारत की स्वतंत्रता में आदिवासी नेताओं के योगदान को दिखाया जाएगा।

नाटकों के जरिए ये दिखाया जाएगा। आदिवासी विरासत को दिखाने वाले डांस होंगे। इस पदयात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘एक पेड़ माँ के नाम’ पहल को ध्यान में रखकर पौधे भी लगाए जाएंगे।एक प्रदर्शनी लगेगी। इसमें ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलनों, आदिवासी नायकों को श्रद्धांजलि और भारत के आदिवासी समुदायों की अनूठी कलात्मकता और शिल्प कौशल का प्रदर्शन किया जाएगा।

इस पदयात्रा के बीच बीच में आदिवासी संस्कृति, सुंदर रंगोली कलाकृतियां, पेंटिंग और पारंपरिक आदिवासी कला को दिखाया जाएगा। आदिवासी नृत्य, संगीत और साहित्य को दिखाया जाएगा। आदिवासी खाद्य पदार्थों और उनके स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताया जाएगा।

ये भी होगा-सांस्कृतिक कार्यक्रम: सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव मनाते आदिवासी नृत्य और संगीत।आदिवासी आंदोलनों और कलाओं पर प्रदर्शनी: नाटकों और झांकियों द्वारा ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलनों, वीरता और शिल्प कौशल का प्रदर्शन।जागरूकता कियोस्क: सरकारी योजनाओं और महिला लाभार्थियों के बारे में जानकारी।

कलात्मक कार्यक्रम: रंगोली, पेंटिंग और आदिवासी कला और साहित्य को बढ़ावा देने वाली कार्यशालाएं।युवाओं के योगदान का उत्सव: माय भारत पोर्टल और एनवाय के एस उपलब्धियां दर्शाना।

आदिवासी नेताओं को श्रद्धांजलि: प्रतिभागी आदिवासी हस्तियों की वेशभूषा में होंगे।आदिवासी उत्कृष्टता को प्रमुख सम्मान: पद्म पुरस्कार विजेताओं का अभिनंदन और पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना।

आदिवासी भोजन: स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के आदिवासी खाद्य पदार्थ परोसना।जनजातीय गौरव दिवस के बारे में जानिए जनजातीय गौरव दिवस की घोषणा साल 2021 में केंद्र सरकार ने की थी। यह दिन स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को हुआ था।

वे मुंडा जनजाति से थे। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था। देश भर के जनजातीय समुदाय उन्हें भगवान के रूप में पूजते हैं। जनजातीय गौरव दिवस के दिन, देश भर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

Share This Article