जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड में जन्मतिथि अलग होने से अपार आईडी में बनाने में परेशानी

राजेन्द्र देवांगन
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शिक्षा विभाग द्वारा स्कूली छात्र-छत्राओं की अपार आईडी बनाई जा रही है, पर दंतेवाड़ा में ये आईडी बनाने में छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिले में अभी 9वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं की आईडी बनाई जा रही है। कुल 55393 आपार आईडी बनाई जानी है, जिनमें 14672 के दस्तावेज सही हैं। अभी तक 4734 की आईडी बनाई जा चुकी है।शिक्षा विभाग को आईडी बनाने में सबसे बड़ी दिक्कत आधार कार्ड बनाने में की गई गड़बड़ी और छात्र-छात्राओं का जन्म प्रमाण पत्र नहीं होने से हो रही है।

साथ ही स्कूल में जन्म तिथि अलग लिखी हुई है और आधार में अलग, ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के आधार कार्ड में ज्यादातर की जन्म तिथि 1 जनवरी लिख दी गई है, जबकि स्कूल में अलग लिखी हुई है। अब जन्म प्रमाण पत्र बनवाने पालकों को नोटरी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।जिले के चार ब्लॉक कुआकोंडा, कटेकल्याण, गीदम और दंतेवाड़ा में 2 हजार ऐसे छात्र-छात्राएं हैं, जिनकी जन्म तिथि 1 जनवरी आधार में है और इससे ज्यादा छात्र-छात्राओं के जन्म प्रमाण पत्र अभी तक नहीं बने हैं, इधर आपार आईडी बनाने लगातार शिक्षकों पर दबाव बढ़ रहा है, जिससे स्कूल की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।

एक राष्ट्र एक आईडी, एक छात्र एक आईडी के उद्देश्य से आपार शिक्षा विभाग द्वारा लांच किया गया है। सभी स्कूल, कॉलेज के छात्रों की ये आईडी बनाई जाएगी। बच्चों की इस एक आईडी में उनके स्कूल का सारा डेटा मौजूद रहेगा। दूसरे चरण में 1 से 8वीं के बच्चों की आईडी बनाई जाएगी।जिला शिक्षा अधिकारी एसके अंबस्ता ने कहा राजस्व विभाग से बात कर समस्या का समाधान करवाया जाएगा। आधार में गड़बड़ी और जन्म प्रमाण पत्र नहीं होने से आपार आईडी बनने में दिक्कत आ रही है।

जानिए, क्या है अपार आईडी अपार आईडी यानी ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री, भारत सरकार की एक पहल है। यह एक डिजिटल आईडी कार्ड है, जो भारत के सभी छात्रों को दिया जाता है। यह कार्ड छात्रों की शैक्षणिक यात्रा और उपलब्धियों को ट्रैक करता है। यह एक आजीवन आईडी नंबर है। यह आधार कार्ड की तरह 12 अंकों का होता है। यह कार्ड छात्रों की शैक्षणिक जानकारी को ऑनलाइन एकत्र करने में मदद करेगा। यह कार्ड छात्रों के डिजिलॉकर अकाउंट से जुड़ा होगा।

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