झूलेलाल चालिहा उत्सव की मची धूम श्री झूलेलाल मंदिर झूलेलाल नगर चकरभाटा में

राजेन्द्र देवांगन
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बिलासपुर सवितर्क न्यूज,, रिपोर्टर कमल दूसेजा

झूलेलाल चालिहा उत्सव की मची धूम श्री झूलेलाल मंदिर झूलेलाल नगर चकरभाटा में

श्री झूलेलाल चालिहा उत्सव 16 दिसंबर से आरंभ हुआ है इसका समापन 24 जनवरी को होगा
प्रतिदिन सुबह 9:00 बजे आरती 10:00 बजे श्री झूलेलाल जी का पाठ अरदास एवं पल्लो पाया जाता है शाम 7:00 बजे आरती रात 10:00 से 12:00 बजे तक श्री झूलेलाल धूनी भक्ति भजन
आरती अरदास पल्लो पाया जाता है प्रसाद वितरण किया जाता है
25 दिसंबर को श्री झूलेलाल चालिहा उत्सव का दसवां दिन था

जिसमें डॉ रमेश कलवानी नानक पंजवानी की फैमिली के द्वारा श्री झूलेलाल धोनी का आयोजन किया गया कार्यक्रम की शुरुआत भगवान झूलेलाल एवं बाबा गुरमुख दास जी के फोटो पर माला पहना कर दीप प्रज्वलित करके की गई
तत्पश्चात सपना कलवानी एवं चित्र पंजवानी के द्वारा भगवान झूलेलाल जी के भक्ति भरे भजन गाए गए डॉ रमेश कलवानी जी के द्वारा एक कहानी सुनाई गई
कहानी का शीर्षक है हर वक्त भगवान झूलेलाल हमारे साथ हैं
इंसानी रिश्ते आते हैं

जीवन में अपना रोल अदा करते हैं और चले जाते हैं
एक बस जो रायपुर से चलकर श्री झूलेलाल मंदिर के लिए निकली चालिहा उत्सव में शामिल होने के लिए बस में कन्डेक्टर को एक पर्स मिला उसमें ₹500 का नोट एवं भगवान झूलेलाल जी का फोटो था कंडक्टर ने पूछा यह पर्स किसका है? एक 80 साल के बुजुर्ग ने कहा यह मेरा है कन्डक्टर ने पूछा क्या सबूत है
तो उस आदमी ने रोते हुए अपनी आप बीती कहानी बताइ
10 साल की उम्र में मुझे यह पर्स मेरे पिताजी ने गिफ्ट किया था इसमें भगवान झूलेलाल जी का फोटो भी था मैंने महसूस किया कि मेरे लिए मेरे मां-बाप ही सब कुछ है वही मेरे भगवान हैं तो मैंने भगवान झूलेलाल जी की फोटो के ऊपर अपने मां और पिता जी का फोटो रख दिया कुछ सालों के बाद के बाद मैं बड़ा हो गया 20 साल का हो गया मैं बड़ा हीरो बन गया हैंडसम था मैंने एक चश्मे के साथ फोटो खिंचवाई जिसमें में अक्षय कुमार जैसे लग रहा था मैने वो फोटो अपने मां और पिताजी के फोटो के ऊपर रख दी समय बीतता गया मेरी शादी हो गई फिर मैंने अपनी और अपनी वाइफ का फोटो अपनी फोटो के ऊपर रख दिया

अब सबसे ऊपर में मेरा और मेरी पत्नी का फोटो था उसके पीछे मेरा हीरो वाला फोटो था उसके पीछे मां-बाप का फोटो था और सबसे आखिरी में भगवान झूलेलाल जी का फोटो था
2 साल बाद मुझे खूबसूरत बेटा हुआ जिसका नाम गोविंद था
उसका बढ़िया फोटो खिंचवा अब उसे पर्स में रखूं पर उस में जगह नहीं थी
तो एक फोटो निकाली थी मुझे मैंने सोचा भगवान झूलेलाल जी की फोटो निकाल देता हूं
पर यह सोचकर नहीं निकाला कि यह फोटो मेरे पिताजी ने गिफ्ट दी है फिर मैंने मां और पिता जी का फोटो हटा दी
और अपने बेटे का फोटो सामने आ गया
6 महीने बाद मां और पिताजी का भी स्वर्गवास हो गया
कुछ दिनों के बाद पत्नी को भी कैंसर हो गया
उसका भी सर्गवास हो गया
मैंने अपना और पत्नी का फोटो पर्स से निकाल दिया
अब सामने बेटे का फोटो वह पीछे झूलेलाल जी का फोटो रह गया

बेटा भी बड़ा हो गया और 1 दिन कहने लगा पिताजी विदेश में अच्छी नौकरी मिल रही है
मैं वहां जा रहा हूं जल्दी आपको भी बुला लूंगा
पर बेटा विदेश पहुंच गया 1 साल बाद सेटल हो गया और एक लड़की देख कर शादी भी कर
बेटे ने अपना घर विदेश में बसा लिया
एक बार सीढ़ियों से गिर गया
बेटे को फोन लगाया कि बेटा मैं सीढ़ियों से गिर गया हूं
तुम जल्दी से 1 माह की छुट्टी लेकर यहां आ जाओ
बेटे ने कहा पिताजी यहां छुट्टी नहीं मिलती है अगर आज आ जाऊंगा तो नौकरी छूट जाएगी और बड़ी मुश्किल से मैं यहां सेटल हो गया हूं
आप किसी रिश्तेदार को बुला लो और अपने साथ एक माह के लिए रख लो मैं नहीं आ पाऊंगा और
नहीं मैं आपको यहां ला सकता हूं यहां की आबोहवा आपको रास नहीं करेगी
गुस्से में मैंने बेटे का फोटो भी पर्स से निकाल कर फेंक दिया
और अब इस पर्स में सिर्फ एक ही फोटो रह गया वह है भगवान झूलेलाल का
आज मेरी उम्र 80 साल हो गई है
पुरानी बातें याद आती हैं कि सब साथ छोड़ कर चले गए
बस भगवान झूलेलाल नहीं गया
पर्स में सिर्फ उसी का ही फोटो
रह गया
सब आते गए और जाते गए अपना रोल निभा के बढ़ते गए
पर भगवान झूलेलाल नहीं गया वह हमेशा मेरे साथ रहा और मैं उसे नहीं देख पाया और समझ नहीं पाया
आज मुझे याद आया कि मेरे पिता जी ने भगवान झूलेलाल की फोटो क्यों दी थी
इस कहानी का अर्थ है
हम जिंदगी में उन चीजों के पीछे भागते हैं जो हमारी नहीं हैं और जो हमारी है हम उन्हें देख नहीं पाते हैं भगवान हमेशा हमारे साथ हैं लेकिन हम उन्हें देख नहीं पाते हैं क्यों क्योंकि हम मोह माया में अंधे हो जाते हैं भगवान को भूल जाते हैं इसीलिए कभी भी भगवान को मत भूलो सुख हो या दुख हो पहले प्रभु का नाम जपो प्रभु को याद करो वही सब बेड़ा पार लगाएगा
इसके बाद नानक पंजवानी ने एक गीत गाया आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं बस हर बार में यह करार करता हूं आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं
डॉक्टर अभिषेक कलवानी ने
बच्चों को कैसा आहार दें कैसा पालन पोषण करें इसके बारे में भक्तजनों को बताया पूज्य सिंधी पंचायत चकरभाटा के अध्यक्ष प्रकाश जेसवानी नए भी ज्ञानवर्धक एक लघु कहानी सुनाई
कहानी ठीक एक जंगल में एक शिकारी शिकार करने जाता है अपने तीर में जहर लगाता है नोक में और वह तीर हिरण को मारने के लिए छोड़ता है पर हिरण बच निकलता है और वह तीर जाकर एक हरे बड़े पेड़ को लगता है उस पेड़ के एक डाली में एक तोते ने अपना घर बना कर रखा था और जैसे-जैसे और जहर का असर पड़ता है वैसे वैसे पेट सुख ते जाता है वैसे वैसे ही पेड़ के साथ वह तोता भी बीमार पड़ने लगता है यह बात पूरे जग में फैल जाती है यहां तक कि स्वर्ग तक पहुंच जाती है और जैसे ही यह बात इंद्र को पता चलती है इंद्र तुरंत पृथ्वी पर आते हैं और उस पेड़ के पास पहुंचते हैं और तोते को बोलते हैं तू इस पेड़ पर क्यों बैठा है जबकि अप्रैल तो मरने वाला है जंगल में और बड़े-बड़े हरे भरे पेड़ पौधे हैं ज्यादा किसी और पेड़ में घोंसला बना और जाकर रहो और फल वगैरा खा वह तोता बोलता है इंद्रदेव इस पेड़ ने मुझे दुख में सुख में हमेशा मेरा साथ दिया है आंधी हो तूफान और बारिश हो ठंडी हो गर्मी हो सब में मेरा साथ दिया है और आज अगर यह पेड़ मर रहा है तो इसे छोड़ कर चला जाऊं इंद्रदेव को तोते की बात समझ में आ गई वह बोला है तोते मैं तुझ से बहुत प्रसन्न हूं मांगू क्या वरदान मांगते हो उस तोते ने कहा इंद्रदेव मुझे कोई वरदान नहीं चाहिए अगर आप मुझसे खुश हैं तो अमृत की वर्षा करें ताकि यह पेड़ फिर से हरा भरा हो जाए और इंदिरा दे अमृत की वर्षा करते हैं वह पेड़ फिर से हरा भरा हो जाता है और वह तोता भी फिर से खुश हो जाता है इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कभी भी किसी को भी बीच राह में मझदार में छोड़ना नहीं चाहिए वह हमेशा अपने प्रभु का अपने गुरू का नाम सिमरन करना चाहिए
कार्यक्रम के आखिर में शोभराज जसूजा एवं रवि के द्वारा भक्ति भरे भजन एवं सिंधी गीत गया गया जिसे सुनकर भक्तजन झूम उठे अंत में आरती की गई अरदास की गई विश्व कल्याण के लिए पल्लो पाया गया और प्रसाद वितरण किया गया इस अवसर पर पूज्य सिंधी पंचायत रामा वेली के अध्यक्ष रामचंद्र प्रेमानी अपने सदस्यों के साथ संतलाल सांई जी का फूल माला पहनाकर स्वागत किया साई जी ने भी फखर पहनाकर अध्यक्ष का सम्मान किया कलवानी फैमिली पंजवानी फैमिली के द्वारा भी संतलाल सांई जी का शाल और श्रीफल से स्वागत किया गया सांई जी ने भी दोनों फैमिली का सम्मान किया राजेश कलवानी के द्वारा पत्रकार एवं फोटोग्राफर विजय दूसेजा का पखर पहनाकर सम्मान किया
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में
बाबा गुरमुखदास सेवा समिति
झूलेलाल महिला सखी समिति
पूज्य सिंधी पंचायत चकरभाटा
के सभी सदस्यों का सहयोग रहा
भवदीय
रमेश टेकचंदानी , विजय दुसेजा (बिलासपुर) भारी संख्या में लोग उपस्थित थे

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