डायल 112 का टेंडर रद्द: कमेटी ने आरोपों में घिरी जिकित्जा कंपनी को किया था फाइनल, शासन ने नहीं दी मंजूरी

राजेन्द्र देवांगन
5 Min Read

डायल-112 के संचालन के लिए जारी टेंडर छत्तीसगढ़ शासन ने रद्द कर दिया है। साथ ही हाईकोर्ट में कैविएट भी दायर की है कि अगर इस आदेश को कोई चुनौती दे तो शासन का पक्ष पहले सुना जाए।

बता दें कि डायल-112 में देश की पांच कंपनियों ने पार्टिसिपेट किया था। कमेटी.18 अगस्त 2024 को समाचार पत्र ने खुलासा किया कि सरकारी उपक्रम टीसीआईएल को बाहर कर 138 करोड़ रुपए अधिक में जेएडएचएल को काम दिया जा रहा है। साथ ही इस कंपनी पर राजस्थान सीबीआई केस दर्ज है, जिसकी जानकारी टेंडर में नहीं दी गई। इसके बाद झारखंड में फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर काम लेने का मामला भी सामने आया। पुलिस विभाग ने एक जांच कमेटी बनाई। उसमें भी इसे क्लीन चिट दे दी गई, लेकिन जब फाइल मंत्री विजय शर्मा के पास पहुंची तो उन्होंने सीधे टेंडर को कैंसिल करने के निर्देश दिए। बताया जा रहा है कि इस मामले में भाजपा संगठन और दिल्ली ने भी घोर आपत्ति उठाई थी।

कंट्रोल रूम में 90 और 11 जिलों में 840 कर्मी डायल-112 प्रोजेक्ट में टाटा व एबीपी कंपनी के 1000 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे है। डायल-112 के कंट्रोल रूम में तीन शिफ्ट में कुल 90 कर्मचारी उपस्थित रहते हैं। वे लोगों का फोन रिसीव करने से लेकर फील्ड में तैनात टीम को संदेश पहुंचाने तक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।इसके अलावा राज्य के 11 शहरों में तकरीबन 240 गाड़ियां दौड़ रही है। इसमें तीन शिफ्ट में 840 ड्राइवर रहते हैं। इनके अलावा तकनीकी स्टाफ और अन्य लोग भी है। डायल-112 को संचालित करने हर साल 500 करोड़ से ज्यादा का खर्च आता है।इसमें 1000 कर्मचारियों को वेतन, 240 से ज्यादा गाड़ियों का डीजल, मेंटेनेंस और तकनीकी खर्च शामिल हैं। हालांकि डायल-112 के लिए कर्मचारी भर्ती की तैयारी चल रही है। क्योंकि हर जिलों में थाना से स्टाफ निकाल कर दिया गया है। इससे थाना में फोर्स की कमी हो गई है।

टाटा के साथ मैनपावर देख रही एबीपी प्राइवेट लिमिटेड फरवरी 2025 तक का संचालन करने का जिम्मा दिया गया है। ऐसे में अगर टेंडर तुरंत नहीं होता है तो एबीपी को एक्सटेंशन देना होगा, जबकि इस कंपनी के पास आईटी सपोर्ट का कोई अनुभव नहीं है। वहीं टेंडर कैंसिल होने के बाद सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या जेएडएचएल को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।6 साल पहले टाटा से जुड़ी कंपनी को मिला टेंडर, फिर बढ़ती गई डेट डायल -112 का काम 6 साल पहले टाटा से जुड़ी एबीपी प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था, इसका अनुबंध अगस्त 2023 में खत्म हो रहा था। इसलिए 12 जून 2023 को टेंडर निकाला गया, जिसकी अंतिम तिथि 12 जुलाई 2023 रखी गई। इसके बाद इस तिथि को चार बार बढ़ाया गया। पहले 25 अगस्त फिर 26 सितंबर, 23 दिसंबर और 15 फरवरी 2024 करते हुए अंत में टेंडर निरस्त कर दिया गया।इसके बाद 14 मार्च 2024 को नई सरकार ने फिर टेंडर निकाला और अंतिम तिथि 4 अप्रैल रखी। इसे भी एक दिन बढ़ाया गया। 5 अप्रैल को टेक्निकल बिड ओपन की गई। 118 दिन बाद दो अगस्त को इसका इवेल्युएशन हुआ और प्राइज विड में काम जेडएचएल को दे दिया गया।

अगर दो दिन और देरी होती तो सेंट्रल विजिलेंस कमीशन के नियमानुसार टेंडर की वैद्यता स्वत: निरस्त हो जाती। इसके लिए जेडएचएल का टेंडर किया गया फाइनल डायल 112 के लिए पांच कंपनियों ने टेंडर जमा किया था।

इसमें टीसीआईएल, बीवीजी, जेडएचएल, विंध्या टेलीलिंक लिमिटेड और सीएमएस कंप्यूटर लिमिटेड शामिल हैं। लंबी प्रक्रिया के बाद जेडएचएल का टेंडर फाइनल किया गया। जबकि उत्तरप्रदेश में केंद्र सरकार की कंपनी भेल को टेंडर दिया गया है। यहां भी टीसीआईएल को टेंडर दिया जा सकता था। केंद्र सरकार के कई प्रोजेक्ट टीसीआईएल देख रही है।

Share This Article