छत्तीसगढ़ शासन की ”छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित होकर तथा अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार नवीन सुरक्षा कैंप स्थापित कर पुलिस के बढ़ते प्रभाव से आत्मसमर्पण किया गया।
जिला सुकमा में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित होकर तथा अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैंप स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सली संगठन में सक्रिय दो नक्सली सदस्यों क्रमश :
ये हैं आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली हैं:
1. वंजाम रामा पिता गंगा, उम्र लगभग 28 वर्ष, जाति मुरिया, निवासी ग्राम पालामड़गू पटेलपारा, थाना पोलमपल्ली, जिला सुकमा।
2. दिरदो पोज्जा पिता देवा, उम्र लगभग 23 वर्ष, जाति मुरिया, निवासी ग्राम पालामड़गू पटेलपारा, थाना पोलमपल्ली, जिला सुकमा।
आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति के तहत सहायता राशि व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
इन दोनों नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला सुकमा में सहायक कमाण्डेन्ट रेहान अली खान (219 वाहिनी सीआरपीएफ), सुरेश कुमार (50 वाहिनी सीआरपीएफ) और निरीक्षक अविलाष टण्डन (प्रभारी डी आरजी, सुकमा) के समक्ष बिना हथियार आत्मसमर्पण किया।