बलरामपुर में पुलिस कस्टडी में मौत मामले में कांग्रेसी नेताओं ने नेहरू चौक पर धरना देकर राज्य सरकार को घेरा।
नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार के नौ माह के कार्यकाल में ना तो आम आदमी सुरक्षित है और ना ही साधु-संत। सरकार का पुलिस पर नियंत्रण नहीं है। ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि नौ महीनों में ही छत्तीसगढ़ को अपराध गढ़ बना दिया गया है।
धार्मिक आस्था पर प्रहार हो रहा है। छत्तीसगढ़ में शांति और सद्भावना के अग्रदूत कहे जाने वाले कबीर पंथी और सतनाम पंथी लोग भय व आतंक में जी रहे हैं।
अपराधी बेखौफ होकर दामाखेड़ा में संत कबीर आश्रम में गुरु परिवार पर हमला कर रहे हैं और संत गुरु घासीदास के पवित्र जैतखंभ को नुकसान पहुंचाकर धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहे हैं।प्रदेश में भय का वातावरण है।
कलेक्टर-एसपी अपना कार्यालय नहीं बचा पा रहे हैं। शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि बलरामपुर में एक आदमी न्याय की गुहार लगाते थाना जाता हैं, वहां थाने में ही उसकी मृत्यु हो जाती हैं।
प्रताड़ना से हुई मौत को पुलिस और सरकार आत्महत्या सिद्ध करने पर तुली है। दरअसल छत्तीसगढ़ में अपराधी बेखौफ हो गए हैं और राज्य सरकार सुशासन का राग अलाप रही है।बलरामपुर की घटना के बाद दामाखेड़ा की घटना से लगने लगा है कि अब तो साधु-संत भी छत्तीसगढ़ में सुरक्षित नहीं हैं।
धरना में सभापति शेख नजीरुद्दीन, अभय नारायण राय, सीताराम जायसवाल, मनीष गढ़ेवाल, रामा बघेल, सुरेश टंडन, शिवा मिश्रा, सुजीत यादव, विनय अग्रवाल, देवेन्द्र सिंह बाटू, राहुल ठाकुर, अशोक सूर्यवंशी, रमेश गुप्ता, कमलेश सोनी, रामकृष्ण यादव व अन्य मौजूद रहे।कांग्रेस नेता अर्जुन तिवारी ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार के 5 साल के कार्यकाल में जितने आपराधिक मामले दर्ज हुए उससे कई गुना ज्यादा आपराधिक घटनाएं भाजपा सरकार के सिर्फ नौ माह में हुए हैं।
अपराधों के मूल में नशाखोरी हैं जिसे राज्य सरकार ने खुली छूट दे दी है। भूपेश सरकार में आबकारी से राजस्व का लक्ष्य 6300 करोड़ रुपए था जिसे सरकार ने बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपए कर दिया है।
कार्यक्रम को प्रमोद नायक, जितेन्द्र पाण्डेय, सीमा धृतेश, राजेन्द्र साहू, गीतांजलि कौशिक, लक्ष्मीनाथ साहू, विनोद साहू, मोती थारवानी, झगरराम सूर्यवंशी, बिहारी देवांगन, राकेश शर्मा आदि ने भी संबोधित किया।
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