नक्सलियों की बटालियन नंबर 1 और 2 जवानों के निशाने पर, चलाया ऑपरेशन

राजेन्द्र देवांगन
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माड़ में बड़ी सफलता मिलने के बाद अब बस्तर को सबसे ज्यादा दर्द देने वाली नक्सलियों की प्लाटून नंबर 1 और 2 जवानों के निशाने पर है। प्लाटून नंबर 1 और 2 नक्सलियों की सबसे मजबूत बटालियन है, जिसका नेतृत्व खूंखार नक्सली हिड़मा करता है। बस्तर में टेकलगुड़म, कासा.ऑपरेशन में 3 जिले बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा के जवानों को शामिल किया है। इसमें डीआरजी, बस्तर फाइटर्स, सीआरपीएफ, कोबरा, एसटीएफ के जवान शामिल हैं।

ऑपरेशन कहां चल रहा है इसका खुलासा पुलिस ने नहीं किया है। माड़ के बाद नक्सलियों का सेफ जोन गोगुंडा और पीडिया है। अबूझमाड़ में जहां जवान कभी नहीं पहुंचे थे वहां पहुंच 38 नक्सलियों को मार गिराया है।यह सबसे सुरक्षित क्षेत्र माना जाता रहा है। पीडिया, गोगुंडा के पहाड़ी एरिया को भी नक्सली सुरक्षित मानते हैं, पर यहां जवान कई बार ऑपरेशन चलाकर सफलता हासिल कर चुके हैं। हिड़मा को घेरने की अब पूरी तैयारी कर ली है।

इधर मारे गए नक्सलियों के विरोध में नक्सलियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने दो दिन 21 और 22 अक्टूबर को भारत बंद का आह्वान किया है। 21 अक्टूबर को इस बंद का कहीं कोई असर देखने को नहीं मिला। नक्सलियों ने नारायणपुर क्षेत्र और मंगनार क्षेत्र में बैनर, पोस्टर जरूर लगाए हैं।पर्चों में लिखा है 23 सितंबर और 4 अक्टूबर को जवानों के साथ हुई मुठभेड़ में हमारे 38 साथी शहीद हुए हैं।

23 सितंबर को काकुर-पारदी की मुठभेड़ में डीकेएसजेडसी सदस्य रूपेश, डीवीसी सदस्य जगदीश, पीपी सदस्य सरिता मारे गए थे। वहीं 4 अक्टूबर को हुई मुठभेड़ में 35 साथियों के मारे जाने की बात लिखी है। एएसपी आरके बर्मन ने बताया 38 नक्सली थुलथुली मुठभेड़ में मारे गए हैं, बंद का कहीं कोई असर नहीं है, ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, नक्सलियों के पास अब समर्पण ही एक विकल्प है। दंतेवाड़ा। नक्सलियों द्वारा माड़ क्षेत्र में लगाए गए पर्चे। माड़ में बड़ी सफलता के लिए नक्सल ऑपरेशन पर निकले जवान।

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