वित्त मंत्री चौधरी के द्वारा दलाल, बिचौलिया कहना हमारा अपमान
बिलासपुर। सुगम ऐप के विरोध एवं कई लंबित मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ दस्तावेज़ लेखक एवं स्टाम्प वेंडर संघ आज से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठ गए है।
आपको बता दे कि उक्त हड़ताल के कारण आज जिला एवं उप पंजीयक कार्यालय में कामकाज ठप रहा। वही कार्यालय के बाहर सैकड़ो की संख्या में दस्तावेज़ लेखक और स्टाम्प वेंडर हड़ताल पर मौजूद रहे। इस दौरान आक्रोशित दस्तावेज लेखकों और स्टांप वेंडरों ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी के निर्णय का विरोध करते हुए वित्त मंत्री हाय हाय, ओ पी चौधरी होश में आओ के नारे लगाते हुए पंजीयक कार्यालय में हल्लाबोल प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान संघ ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि हम वर्षों से एक अर्धशासकीय सेवक के तौर पर अपनी सेवा देते हुए शासन के राजस्व में बढ़ोतरी के लिए सदैव तत्पर रहते आए हैं, हम आमजन मानस और शासन के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी कार्य करते हुए प्रतिवर्ष अरबों रुपए की राजस्व बढ़ोत्तरी में शासन का योगदान देते चले आ रहे है। इसके बावजूद हमारे योगदान को अनदेखा कर सुगम ऐप को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है।
साथ ही हमारे खिलाफ वित्त मंत्री चौधरी के द्वारा दलाल व बिचौलिया जैसे अशोभनीय शब्दों का प्रयोग किया गया है, जो असंवैधानिक है। सम्माननीय पद पर बैठे वित्त मंत्री को अपनी इस भूल को सुधार करने की जरूरत है, चूंकि हमे कार्य करने का लाइसेंस जिला कलेक्टर ऑफ स्टाम्प के द्वारा प्रदान किया जाता है, इसलिए हमारे लिए ऐसे अपमानजनक शब्दों का उपयोग करना पूरी तरह अशोभनीय और असंवैधानिक है। हमे दलाल, बिचौलिया कहना हमारा अपमान है, हम इसका खुले मंच से विरोध करते है।
हड़ताल के संबंध में दस्तावेज़ लेखक एवं स्टाम्प वेंडर संघ के अध्यक्ष सैय्यद इमरान अली ने बताया कि – प्रदेशभर के पंजीयन कार्यालयों में अनेक वर्षों से लगातार अपनी सेवा देने वाले दस्तावेज लेखक और स्टांप वेंडरों के द्वारा अपनी जायज मांगों को पूरा करने और सुगम ऐप के संबंध में शासन का ध्यान आकृष्ट करने विभिन्न चरणों में ज्ञापन सौंपा गया है। उन्होने कहा कि विभिन्न मांगों को लेकर पूर्व में उच्चाधिकारियों से चर्चा करने पर, उन्होने हमें पूर्ण आश्वासन दिया था कि आप लोगों का कार्य यथावत बना रहेगा, जिसके बाद हमने सितंबर माह में आयोजित किए जा रहे हड़ताल को स्थगित कर दिया था। लेकिन छत्तीसगढ शासन ने हमें अंधेरे में रखते हुए सुगम ऐप को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया है। जिसके कारण लगभग 25000(पच्चीस हजार) दस्तावेज लेखक और स्टांप वेंडर, जो अब बेरोजगार होने के कगार पर आ गए हैं।
क्या बेरोजगार हो जाएंगे स्टाम्प वेंडर ?
हां, कुछ लोगों का मानना है कि नई तकनीकी योजनाओं से स्टाम्प वेंडर बेरोज़गार हो सकते हैं. जैसे, सुगम ऐप के ज़रिए लोग घर बैठे रजिस्ट्री करा सकते हैं. इससे स्टाम्प वेंडरों की रोज़ी-रोटी पर असर पड़ सकता है. सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ेगा, जो स्टांप वेंडर के तौर पर काम करके अपना घर चला रहे हैं। इस योजना के चालू होने के बाद वह सब बेरोजगार हो जाएंगे।
क्या है सुगम एप ?
इस एप्लीकेशन में कोई भी व्यक्ति अपनी रजिस्ट्रीकृत दस्तावेज के संपत्ति स्थल पर जाकर स्थल का 3 साइड से फोटो और भौगोलिक स्थिति (latitude and longitude) को रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर में इंट्री कर सकेगा। सरकार का कहना है की इससे संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी और टैक्स इवेशन में मदद मिलेगी। रजिस्ट्रेशन के बाद आवेदन की जांच के लिए 15 दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन कार्यालय के अधिकारी मौके पर पहुंच कर वेरिफिकेशन करेंगे।
भूमि का रजिस्ट्रेशन करने के लिए पंजीयन कार्यालय के चक्कर लगाने वालों को अब दिनभर लाइन लगने व टोकन का इंतजार करने से छुटकारा मिल जाएगा। छत्तीसगढ़ शासन ने जमीन रजिस्ट्रेशन के दौरान बिचौलियों को खत्म करने व रजिस्ट्री में पारदर्शी व्यवस्था लागू करने के लिए सुगम एप लांच किया है। पहले चरण में हाउसिंग बोर्ड व आरडीए की रजिस्ट्री में लागू किया जाएगा। पंजीयन विभाग ने फेसलेस रजिस्ट्री प्रक्रिया के तहत नागरिकों को बिना आफिस आए रजिस्ट्री कराने की सुविधा देने जा रही है। प्रक्रिया में कैशलेस भुगतान के लिए नेट बैंकिंग व पीओएस का उपयोग होगा, शासन धीरे-धीरे इस व्यवस्था को अनिवार्य बनाने जा रही है। पंजीयन मंत्रालय ने डीड जनरेशन सिस्टम विकसित किया है, जिससे इच्छुक व्यक्ति घर बैठे ही रजिस्ट्री के दस्तावेज तैयार कर सकते हैं।
भौतिक रूप से उपस्थिति की आवश्यकता होगी समाप्त
पंजीयन विभाग की सुगम एप से रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू होने के बाद पेपरलेस प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए आधार व पैन कार्ड के इंटीग्रेशन का काम चल रहा है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद जमीन खरीदारी में बनने वाले गवाहों को भौतिक रूप से उपस्थित होने की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी इससे फर्जी रजिस्ट्री मामलों पर अंकुश लगेगा।
आनलाइन सर्च व डाउनलोड होंगे दस्तावेज
सुगम एप लांच होने के बाद पंजीयन विभाग के पुराने दस्तावेजों को आनलाइन सर्च व डाउनलोड की सुविधा भी देने की दिशा में शासन व विभाग काम कर रहा है। विभागीय अधिकारियों को भ्रष्टाचार पर सख्त कदम उठाने व जनता को बिना बिचौलियों के सहज सुविधा प्रदान करने के लिए पंजीयन विभाग ने यह योजना बनाई है।
ऑनलाइन मिल सकेंगे स्टाम्प और रजिस्ट्री के डॉक्यूमेंट
वित्त मंत्री ने समीक्षा के दौरान स्टाम्प प्रकरण और रजिस्ट्री में हो रही देरी के मामले सामने आने पर संबंधित डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया था. समीक्षा के दौरान राजस्व प्राप्तियों, दस्तावेजों, आरआरसी. प्रकरण, स्टाम्प प्रकरण के तुलनात्मक आंकड़ों की समीक्षा की गई. इस दौरान विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पुराने दस्तावेजों के स्कैनिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है. कुछ ही दिनों में पंजीयन विभाग के सर्च और नकल मॉड्यूल को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया जाएगा. इससे कोई भी व्यक्ति ऑफिस में आए बिना निर्धारित शुल्क ऑनलाइन जमा कर पुराने दस्तावेजों को सर्च करने के साथ उसकी कॉपी ऑनलाइन डाउनलोड कर सकेगा.
गवाहों को नहीं आना पड़ेगा रजिस्ट्री ऑफिस
अधिकारियों ने बताया “पेन कार्ड का इंटीग्रेशन किया जा चुका है. इसके अगले चरण में आधार का इंटिग्रेशन का काम भी जारी है. आधार इंटीग्रेशन होने के बाद गवाहों के रजिस्ट्री ऑफिस में आने की प्रथा खत्म हो जाएगी. जिससे फर्जी व्यक्ति के द्वारा रजिस्ट्री करने की घटनाओं को रोका जा सकेगा. अगले 1 महीने में फेस लेस के प्रथम चरण में हाउसिंग बोर्ड, आरडीए, कॉलोनाइजर्स को यह सुविधा मिल सके. इसके लिए ट्रायल जल्दी ही पूरा कर लिया जायेगा. इससे पक्षकारों को रजिस्ट्री ऑफिस में आये बिना रजिस्ट्री कराने की सुविधा मिलेगी.”
Editor In Chief