नारी शक्ति से जल शक्ति थीम पर प्रदेश का पहला जल जगार महोत्सव गंगरेल में आयोजित हुआ। 2 दिवसीय महोत्सव रविवार को रात करीब 12 बजे एक्टर अनुज शर्मा नाइट्स के साथ समाप्त हो गया। 6 अक्टूबर को सुबह 5 बजे जुंबा डांस के साथ जल जगार की शुरुआत हुई।.सुबह 7 बजे लगभग हजार प्रतिभागियों ने गंगरेल हाॅफ मैराथन में 21.1 किमी, 10 किमी और 5 किमी की दौड़ लगाई। यह दौड़ गंगरेल डैम के गेट से कुकरेल तक हुई। अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन में टिकाऊ कृषि और जल उपयोगिता पर विशेषज्ञों ने सार्थक चर्चा की। जल सम्मेलन में डेनमार्क के हैंस जी एंगरोब, जापान के ओत्सुजी मारीनो, श्रीलंका के जयंता विजेसिंघा, अमेरिका, यूनिसेफ के ओडिशा और छत्तीसगढ़ के प्रमुख विलियम हेनलोन सहित देश के विभिन्न स्थानों से जल विशेषज्ञ ने जल की उपयोगिता व संरक्षण पर चर्चा की।दिनभर रायपुर सहित अन्य जिलों से पहुंचे प्रतिभागियों ने जल ओलंपिक का आनंद उठाया।
लोगों ने कयाकिंग, स्वींमिंग, बनाना राइड, फ्री स्टाइल स्वीमिंग, फ्लैग्स रैन, थ्रो रो, रिवर क्रॉसिंग आदि का भरपूर आनंद लिया। गंगरेल बांध में लाइफ जैकेट, मेडिकल किट सहित सुरक्षा के पुख्ता व्यवस्था किए थे।वहीं सदन कैसे चलती है, इसका रूबरू कराने कॉलेज विद्यार्थियों ने विधानसभा अध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्री, मंत्री, नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई।
गार्डन में कबाड़ से जुगाड़ थीम पर आधारित विभिन्न प्रदर्शनी लगाई थी। है। बड़ौदा गुजरात से पहुंचे अभिषेक सिंह और चिरायु सिन्हा समेत “कर्व्स एंड कलर्स” की 18 सदस्यीय टीम ने इसे तैयार किया है। पीकू के अलावा पहाड़ी मैना, जो राजकीय पक्षी पर आधारित कबाड़ से जुगाड़ तैयार की है।कॉलेज के 50 स्टूडेंट्स बने नेता जल सभा में छत्तीसगढ़ के कॉलेज के स्टूडेंट्स ने जल असेंबली में शामिल होकर अपनी भूमिका निभाई।
इसमें जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, सदन में मानवीय सभ्यता और संस्कृति में जल की भूमिका, संकट और भविष्य की दिशा पर चर्चा की। विभिन्न कॉलेज के 50 विद्यार्थियों ने नेताओं की भूमिका अदा की और जल असेंबली का संचालन किया।अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, सिंचाई व जल मंत्री, वन व पर्यावरण मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, आदिवासी मामले का मंत्री, खनन व उद्योग मंत्री, कृषि मंत्री, महिला व बाल विकास मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा सचिव की भूमिका निभाई।
सदन में मानवीय सभ्यता और संस्कृति में जल की भूमिका, संकट और भविष्य की दिशा पर चर्चा कर जल संरक्षण के लिए सामुदायिक सहभागिता पर जोर दिया। विपक्ष के सदस्यों से बहस के बाद जल संरक्षण के लिए सबकी सहमति भी बनी। –

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