बैलाडीला में लौह अयस्क की तस्करी का मामला उजागर होने के बाद ट्रकों और पोकलेन मशीन पर कार्रवाई कर पुलिस और वन अमला शांत हो गया है। तस्करों का रैकेट किरंदुल से रायपुर तक का है। पुलिस और वन विभाग द्वारा किरंदुल में गाड़ी भरवाने वाले दलाल और ट्रक ड्राइवरों पर मामला पंजीबद्ध कर जांच की जा रही है। इस पूरे रैकेट में शामिल स्पंज आयरन कंपनी के मालिकों से कोई पूछताछ नहीं हो रही है। जिन ट्रकों को पकड़ा गया है, वह चोरी का लोहा लेकर रायपुर जा रहे थे।पुलिस के द्वारा अभी तक कंपनी के संचालकों से कोई पूछताछ नहीं की गई है।
ट्रक मालिकों से भी कोई पूछताछ नहीं की जा रही है। ड्राइवर और ऑपरेटरों पर मामूली कार्रवाई कर इनको छोड़ दिया गया है। जबकि लौह अयस्क सिर्फ और सिर्फ स्पंज आयरन कंपनियों के द्वारा ही खरीदा जाता है। बावजूद पुलिस इस तस्करी में जुड़े प्रमुख लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है। किरंदुल में लगातार लौह अयस्क की चोरी के मामले सामने आने के बाद फॉरेस्ट, एनएमडीसी सकते में है, हालांकि इस बार एनएमडीसी प्रबंधन द्वारा ठेकेदारों पर सख्ती बरती जा रही है।एनएमडीसी के द्वारा तस्करों को मौका भी दिया जा रहा है।
दरअसल किरंदुल में आई दो बार की बाढ़ में किरंदुल से दंतेवाड़ा तक नदियों के किनारे, खेतों, तालाबों में बड़ी तादाद में डस्ट जमा हो गया है, जिसको लेकर एनएमडीसी प्रबंधन गंभीर नहीं है और अब तस्करों की नजर इस पर है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एनएमडीसी के कुछ ठेकेदार अब इस आयरन ओर को खपाने की तैयारी में हैं। बचेली रेंजर आसुतोष मंडावा ने बताया वन विभाग के द्वारा बहकर आए लौह अयस्क पर नजर है, किसी के द्वारा भी उठाने पर सख्त कार्रवाई होगी।