विज्ञापन की नई पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार: जियोटैगिंग अनिवार्य…होर्डिंग्स कहां पर सैटेलाइट बताएगा, अवैध भी नहीं लगा सकेंगे

राजेन्द्र देवांगन
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राजधानी रायपुर में होर्डिंग्स और अन्य माध्यमों से विज्ञापन की नई पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। इसी महीने इसका प्रकाशन कर दिया जाएगा। नई पॉलिसी लागू होने के बाद सभी होर्डिंग्स में जियोटैगिंग अनिवार्य रूप से लगानी होगी। इससे हर होर्डिंग का अपना अल.निगम की अनुमति के बिना कोई भी शहर में होर्डिंग नहीं लगा सकेगा। जियोटैगिंग लग जाने के बाद सैटेलाइट से पता चल जाएगा कहां कहां होर्डिंग्स लगे हैं।

इससे अवैध होर्डिंग का खेल खत्म होगा और निगम का राजस्व 16 करोड़ से बढ़कर 50 करोड़ से ज्यादा होने का अनुमान है। क्योंकि अभी अवैध होर्डिंग्स की जांच का कोई सिस्टम नहीं है। इस वजह से कोई भी मर्जी से कहीं भी होर्डिंग्स लगाकर विज्ञापन कर रहा है।

नई पॉलिसी में विज्ञापन के लिए जगह के अलावा कीमत तय रहेगी। यानी कोई भी अपनी मर्जी से होर्डिंग्स का आकार भी तय नहीं कर सकेगा। होर्डिंग्स बड़ी होने पर उसी हिसाब से पैसे भी देने होंगे।राजधानी में विज्ञापन की नई पॉलिसी का फार्मूला सफल होने पर राज्य के अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा।

रायपुर नगर निगम राज्य निर्माण के बाद से विज्ञापन नियमों के अनुसार ही होर्डिंग्स की अनुमति दे रहा है, लेकिन अभी सुरक्षा, सुंदरता और सुविधा को लेकर कोई मापदंड नहीं हैं। होर्डिंग्स की अनुमति देते समय विज्ञापन एजेंसियों को कुछ निर्देश दिए जाते हैं।उनका पालन हो रहा है या नहीं, यह भी नहीं देखा जाता।

अब विज्ञापन के नए-नए तरीके इजाद हो रहे हैं। फिक्स इमेज वाले विज्ञापन की जगह बिल बोर्ड (चलचित्र) का चलन बढ़ने लगा है। होर्डिंग्स में भी साइज, लोकेशन इत्यादि का महत्व बढ़ गया है। रायपुर में बड़े-बड़े ब्रांड आ गए हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने उत्पाद का विज्ञापन दे रही हैं। इससे विज्ञापन एजेंसियों को बड़ा मुनाफा हो रहा है।इसके विपरीत नगर निगम के खजाने में बहुत कम आदनी आ रही है।

इस समय रायपुर करीब 800 होर्डिंग, बिलबोर्ड इत्यादि हैं। इनसे निगम को सालाना करीब 16 करोड़ रुपए ही आमदनी हो रही है। पॉलिसी लागू होने के बाद ये राजस्व 50 करोड़ से ज्यादा होने का अनुमान है।सुविधा के एवज में विज्ञापन अधिकारदरअसल, शहर में इस समय सुविधा के एवज में विज्ञापन अधिकार देने का कांसेप्ट चल रहा है। इसके तहत शहर में स्मार्ट टॉयलेट बनाए गए हैं। निगम ने शहर में 18 स्मार्ट टॉयलेट बनाने के लिए टेंडर जारी किया था।

अब तक 13 टायलेट बन चुके हैं। पांच टायलेट बनाने के लिए जगह ही तय नहीं है।टायलेट के एवज में ठेका कंपनी को यूनिपोल लगाकर विज्ञापन का अधिकार दिया गया। इसी तरह शहर में 10 जगहों पर एसी बस स्टॉप बनाए गए हैं। बस स्टाप बनाने, उसके संचालन और मेंटनेंस के लिए एजेंसी को विज्ञापन अधिकार दिया गया। निगम शहर में फूड जोन बनवा रहा है।

इसे बनाने और संचालन के एवज में ठेका कंपनी को विज्ञापन अधिकार दिया जा रहा है। नगर निगम अब इसी कांसेप्ट पर काम कर रहा है।महानगरों की तर्ज पर किया गया है ड्राफ्ट तैयार विज्ञापन पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार प्राइवेट एजेंसी को जिम्मा सौंपा गया था। एजेंसी ने शहर का सर्वे कर लिया। पूरे शहर में विज्ञापन की संभावना, अलग-अलग इलाकों में विज्ञापन शुल्क तथा सुरक्षा और सुंदरता को बनाए रखने के मापदंडों को ध्यान में रखकर सर्वे किया गया है। इसके बाद ड्राफ्ट तैयार किया गया।

ये ड्राफ्ट महानगरों में लागू वर्तमान विज्ञापन पॉलिसियों के अध्ययन और रायपुर की वर्तमान जरूरत को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।नई विज्ञापन पालिसी का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। जल्द ही इसका प्रकाशन हो जाएगा। इसके बाद हर होर्डिंग की जियोटैगिंग होगी।

होर्डिंग्स के लिए जगह चिन्हिंत करते समय कई बातों का ध्यान रखा जाएगा। अब नो होर्डिंग्स जोन भी बनाए जाएंगे। – अबिनाश मिश्रा, कमिश्नर नगर निगम रायपुर

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